Saturday, August 2, 2025
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कहीं बाथरूम का वास्तु दोष तो नहीं घर की नेगेटिव एनर्जी का कारण?

घर के लोग रोजाना बाथरूम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे नकारात्मकता भी आ सकती है। बाथरूम से जुड़े कई वास्तु नियम हैं, जिनका ध्यान रखना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

गलत दिशा में बना बाथरूम आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। आइए जानते हैं बाथरूम से जुड़े कुछ खास नियम जिन्हें अपनाकर आप घर के वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं…

1. घर में बाथरूम या तो उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसे कभी भी दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए।

2. वास्तु के अनुसार बाथरूम कभी भी किचन के सामने या उससे सटा हुआ नहीं होना चाहिए। शौचालय की सीट या तो पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।

3. बाथरूम में पानी की बाल्टी या टब हमेशा भरकर रखना चाहिए। यदि बाल्टी खाली हो तो उसे हमेशा उल्टा रखें। यह घर में समृद्धि बनाए रखने में मदद करता है।

4. बाथरूम के वास्तु में नीले रंग का बहुत महत्व है। नीला रंग खुशी को दर्शाता है। इसलिए बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी और मग रखना बेहतर होता है।

5. घर में बाथरूम के दरवाजे के सामने कभी भी शीशा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

6. बाथरूम की उत्तर या पूर्व की दीवार पर दर्पण लगाएं और इसका आकार चौकोर या आयताकार होना चाहिए। गोलाकार या अंडाकार दर्पण अच्छे नहीं माने जाते हैं।

7. हमेशा बाथरूम के दरवाजे को बंद रखने चाहिए। अगर इसे खुला छोड़ दिया जाए तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और यह आपके करियर में बाधाएं पैदा कर सकता है।

8. बाथरूम का नल टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। टपकता नल धन हानि का कारण बन सकता है। बाथरूम को हमेशा साफ रखना चाहिए क्योंकि इससे आपकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है।

9. बिजली की वस्तुएं जैसे स्विचबोर्ड, गीजर, पंखा आदि दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। अपने बाथरूम के लिए हमेशा हल्के रंग की टाइल्स और पेंट पर विचार करें।

10. ध्यान रखें कि बाथरूम में खिड़की जरूर हो क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालने में मदद करती है। साथ ही खिड़की पूर्व, उत्तर या पश्चिम दिशा में खुलनी चाहिए।

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