

जालंधर (TES): विश्वभर में कोरोना का कहर दोबारा अपने पैर पसार रहा है। ऐसे में भारत सरकार भी देशवासियों को अलर्ट रहने की अपील कर रही है। सरकार ने इससे बचने के लिए कई दिशानिर्देश भी जारी कर दिए है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री अपने अधिकारियों के साथ इससे जुड़ी बैठकें भी कर रहे हैं। सरकार अपनी इस मीटिंग में कोरोना जांच, क्वारंटीन की सुविधा, टीकाकरण से लेकर अस्पतालों की व्यवस्था पर बात कर रही है।
इसी बीच सरकार ने कोरोना के दूसरे बूूस्टर डोज की अभी कोई जरूरत नहीं जताई है। साथ ही सरकार ने कहा है कि अभी देशवासियों को पूरी तरह से पहली बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक केवल 28 प्रतिशत लोगों को ही बूस्टर डोज लगा है। ऐसे में वे लोगों को ये डोज लगवाने के लिए अपील कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, तकीनी समूह के सदस्यों के बीच कोरोना के दूसरे बूस्टर डोज लगवाने की बात हो रही है। असल में, कुछ लोगों में इसकी जरूरत बेहद देखने को मिल रही है। बता दें, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह या NTAGI की समितियों में से एक विशेषज्ञ ने नाम न बताने को कहा है। ऐसे में डोज को लेकर सिफारिश करने से पहले वैज्ञानिक डेटा के सूक्ष्मता से अध्ययन करना बेहतर समझ रहे हैं।
वैक्सीन शॉट से प्राप्त प्रतिरक्षा कुछ महीनों में हो जाती है कम
रिसर्च अनुसार, वैक्सीन शॉट से मिलने वाली प्रतिरक्षा आमतौर 4 से 6 महीनों में ही कम होने लगती है। साथ ही चौथा शॉट गंभीर बीमारी को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। मगर विशेषज्ञ चौथे बूस्टर के रूप में द्विसंयोजक शॉट्स लगाने के बारे में कह रहे हैं।
कुछ डॉक्टरों ने की चौथी खुराक की मांग
बता दें, कुछ डॉक्टरों ने सुरक्षाहेतु सरकार से चौथी खुराक शुरू करने की मांग की है। उनका कहना है कि उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों, बुजुर्गों और कॉमरेडिटी से पीड़ित लोगों को ये डोज दी जानी चाहिेए। दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बीते साल 26 दिसंबर को एक बैठक बुलाई थी।
इसमें उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से अन्य डोज के लिए अनुमति देने की अपील की है। जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना की तीसरी खुराब 1 साल पहले मिली थी। वहीं एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने बताया कि इन्होंने हेल्थ मिनिस्टर से भी इसको लेकर अपील की थी।
उन्होंने कहा था कि सरकार को कम से कम डॉक्टरों, नर्सों, अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को कोरोना की चौथी डोज देने के बारे में सोचना चाहिए। दरअसल, ये वहीं लोग है जो कोरोना पीड़ित लोगों का इलाज व देखभाल करते हैं। ऐसे में सबसे पहले इन लोगों की सुरक्षा व सेहत का ध्यान रखना जरूरी है।