नई दिल्ली (EXClUSIVE): विधि आयोग ने शुक्रवार को सिफारिश की कि झूठे आश्वासन, गलत बयानी और परित्याग जैसी प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए एनआरआई और भारतीय नागरिकों के बीच सभी विवाहों को भारत में जरूर रजिस्ट्रर किया जाना चाहिए।
कानून और न्याय मंत्रालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट में न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाले विधि आयोग ने कहा, “एनआरआई द्वारा भारतीय साझेदारों से शादी करने की धोखाधड़ी वाली शादियों की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक है। जहां ये शादियां धोखेबाज साबित होती हैं, वहीं इसमें भारतीय पतियों, विशेषकर महिलाओं को अनिश्चित परिस्थितियों में डाल दिया जाता है।”
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि एनआरआई/ओसीआई और भारतीय नागरिकों के बीच सभी विवाहों को भारत में अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाना चाहिए। नए कानून में तलाक, जीवनसाथी के भरण-पोषण, बच्चों की अभिरक्षा और भरण-पोषण और एनआरआई और ओसीआई पर समन, वारंट या न्यायिक दस्तावेजों की तामील के प्रावधान भी शामिल होने चाहिए।
कानून पैनल ने यह भी सिफारिश की है कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा, एक पति या पत्नी के पासपोर्ट को दूसरे के साथ जोड़ने और दोनों के पासपोर्ट पर विवाह पंजीकरण संख्या का उल्लेख करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में आवश्यक संशोधन पेश करने की आवश्यकता है।