

जालंधर (TES): देशभर में रंगों के त्योहार होली की अलग ही धूम देखने को मिलती है। मगर होली से पहले के 8 दिनों को होलाष्टक कहते हैं। इस बार होलाष्टक 27 फरवरी से शुरु होकर 7 मार्च को होलिका दहन के साथ खत्म होगा। इस दौरान किसी भी तरह का मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र अनुसार, इस दौरान कुछ खास काम करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं इस दौरान किन महाउपायों को करना चाहिए…
शुभफल पाने के लिए
होलाष्टक के आठ दिनों में किसी भी मांगलिक कार्य में रोक लग जाती है। मगर इस दौरान भगवान की पूजा, जप, तप, भजन आदि करना शुभ माना जाता है। इस दौरान सच्चे मन से श्री हरि की पूजा करने से शुभफल की प्राप्ति होती है।
कर्ज से दिलाए मुक्ति
जो लोग कर्ज से परेशान है वे इस होलाष्टक पर मां लक्ष्मी की पूजा करें। इस दौरान श्रीसूक्त व ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि इस उपाय से माता लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है। ऐसे में कर्ज जल्द ही दूर हो जाएगा।
शत्रु से बचाए
जो लोग शत्रु से परेशान है वे होलाष्टक के प्रतिदिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद आदित्यहृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें। इससे आपमें बल, बुद्धि, साहस आएगा और शत्रु का खतरा कम होगा।
रोग होगा दूर
जो लोग लंबे समय से रोग-दोष से परेशान हैं वे होलाष्टक के दौरान महादेव की पूजा करें। रुद्राक्ष की माला से उनके महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस महामंत्र का निश्चित संख्या में जाप करने के बाद दशांश हवन करें। मान्यता है कि इससे रोग-दोष शांत होते हैं और अकाल मृत्यु का खतरा भी दूर होता है।
नवग्रहों की अशुभता से बचने के लिए
होलाष्टक के सभी दिनों में भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। मान्यता है कि इससे कुंडली के नवग्रहों की अशुभता दूर होती है। जीवन में शुभता का वास होता है।
जीवन की बाधाएं होंगी दूर
होलाष्टक के दौरान पड़ने वाली नृसिंह द्वादशी पर खासतौर पर भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की पूजा करें। मान्यता है ऐसा करने से जीवन की बड़ी से बड़ी बाधा दूर हो जाती है।
सुख-सौभाग्य की होगी प्राप्ति
होली का त्योहार श्रीकृष्ण को समर्पित है। ऐसे में होलाष्टक के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। इन आठों दिनों में उनकी फल, फूल, धूप-दीप, गुलाल, अबीर, मिठाई आदि से पूजा करें। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।