

नेशनल डेस्क (Exclusive): कोरोना वायरस के कारण कई तरह की दो दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। पूरे देश के हालातों की बात करें तो जैसे-जैसे संक्रमित मामलों का आंकड़ा बढ़ रहा है वैसे-वैसे मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। हालात तो तब खराब हो रहे हैं जब शवों के दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट में ना जगह बच रही है और ना ही लकड़ियां। इस संकट की घड़ी में ऐसे भी हालात देखने को मिले हैं जहां एक ही जगह पर दो-दो तीन-तीन शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है।
लोग अपने ही परिवार के सदस्यों को छूने से डर रहे हैं यहां तक की लोग अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई भी नहीं दे पा रहे। अस्पतालों है देखेंगे वहां भी बेड और ऑक्सीजन की कमी ने इन हालातों में कोरोनावायरस को और मजबूत कर दिया है। श्मशान घाट में लकड़ी आना मिलने के बाद लोगों को नदियों में बहा रहे हैं।
लेकिन इसी बीच एक और ऐसी तस्वीर सामने आई है जो देश की दयनीय हालात को बयां करती है। यहां नदियों में शव बहाने की बजाय लोगों ने गंगा नदी के तट के पास ही शवों को दफनाना शुरू कर दिया है। बुधवार को ही यहां आए 16 शवों में 13 को रेती में दबा दिया गया।
लकड़ी और जगह की कमी ने लोगों को मजबूर कर दिया है कि वह अपने परिवार वालों के शव को ऐसे ही सूखी मिट्टी में दफना रहे हैं। यह मामला उन्नाव से सामने आया है जहां श्मशान घाट में जगह की कमी और बढ़ रही लकड़ी की कीमतों ने इंसानियत का गला घोट दिया है।
कई लोग यहां पर मिट्टी में ही शवों को दफना कर गए हैं इतना ही नहीं ऐसा भी मंज़र सामने आया है जहां एक ही जगह पर कई शव दफनाए जा रहे हैं।
ऐसी तस्वीरें सामने आने के बाद पुरे सोशल मीडिया में भारत के हालातों पर चर्चा की जा रही है। आपको बता दें कि उन्नाव के इस इलाके में दूरदराज से कई गांव के लोग भी शवों को दफनाने के लिए आते हैं।
लेकिन कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण बढ़ रहे मृतकों के आंकड़ों ने इनकी संख्या को बढ़ा दिया है जिसके बाद परिवार वालों को कई मुश्किलों से जूझना पड़ रहा। इन तस्वीरों को देख हर कोई यही कह रहा है कि अभी और कितनी तबाही इस वायरस से होगी?