Saturday, June 7, 2025
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अब नहीं होगा वैक्सीन के नाम पर धोखा! इस तरह पहचाने असली या नकली Corona टीका

नेशनल डेस्क (Exclusive): भारत में कोरोनावायरस के मामले तेजी से अब कम हो रहे हैं इसके पीछे का कारण साफ है कि देश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया उतनी ही तेजी के साथ जारी है। लेकिन भारत में नकली वैक्सीन के चर्चे भी अब तेजी से उड़ने लगे हैं। पूरी दुनिया में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पर नकली वैक्सीन लगाकर मुनाफाखोरो की तरफ से बड़ा लाभ उठाया जा रहा है।

इसी को देखते हुए अब सरकार की तरफ से असली और नकली वैक्सीन की पहचान के लिए कुछ मापदंड जारी किए गए हैं। इनके जरिए हम पता कर सकते हैं कि आखिर कौन सी वैक्सीन असली है और कौन सी वैक्सीन नकली। सरकार की तरफ से इन मापदंडों को सांझा किया गया है जिससे लोगों में असली और नकली वैक्सीन के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

इस तरह पहचाने असली वैक्सीन
एक असली कोविशील्ड शीशी की बोतल पर गहरे हरे रंग में एस.आई.आई. उत्पाद का लेबल शेड, ट्रेडमार्क के साथ ब्रांड नाम और गहरे हरे रंग की एल्यूमीनियम फ्लिप-ऑफ सील होगी। अक्षरों को अधिक स्पष्ट करने के लिए विशेष सफेद स्याही में मुद्रित किया गया है। मापदंडों के अनुसार, पूरे लेबल को एक विशेष बनावट मधुकोश प्रभाव दिया गया है जो केवल एक विशिष्ट कोण पर दिखाई देता है।
कोवैक्सीन लेबल में नकल रोधी सुविधाओं में अदृश्य यूवी हेलिक्स (डीएनए जैसी संरचना) शामिल है जो केवल यूवी प्रकाश के तहत दिखाई देता है।
स्पुतनिक के मामले में बता दें कि रूस से दो अलग-अलग थोक निर्माण स्थल हैं और इसलिए दोनों स्थलों के लिए दो अलग-अलग लेबल हैं जबकि सभी जानकारी और डिज़ाइन समान हैं, केवल निर्माता का नाम अलग है।

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