Sunday, June 8, 2025
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पहली शादी के होते दूसरी शादी करने पर हाईकोर्ट ने कही ये बड़ी बात

मुंबई (Exclusive): पहली शादी के होते हुए दूसरी शादी करना अब कानूनी अपराध माना जाएगा। दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई करते हुए आज एक अहम फैसला सुनाया।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक केस के सिलसिले में पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करने पर उस व्यक्ति के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह न केवल द्विविवाह की श्रेणी में आता है, बल्कि उस व्यक्ति का आचरण भी बलात्कार के अपराध के दायरे में आता है।

जस्टिस नितिन साम्ब्रे और राजेश पाटिल ने 24 अगस्त को केस की सुनवाई के बाद उस व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी। पत्नी ने अपने पति के खिलाफ पुणे पुलिस में दूसरी शादी करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था। पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और 494 (द्विविवाह) के तहत मामला दर्ज किया था।

एफआईआर में कहा गया है कि उसका पति फरवरी 2006 में दूसरी महिला के पति की मौत के बाद उसे नैतिक समर्थन देने जाया करता था। उसने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने का वादा किया और जून 2014 में दोनों ने शादी कर ली और 31 जनवरी 2016 तक दोनों साथ रहे लेकिन फिर वो उसे छोड़कर अपनी पहली पत्नी के पास वापिस चला गया।

पूछताछ करने पर महिला को पता चला कि उसने झूठे वादे करके और खुद को तलाकशुदा बताकर उससे शादी की और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। न्यायाधीशों ने कहा कि एक तरफ, आदमी दूसरी शादी की बात स्वीकार कर रहा था जबकि उसकी पहली शादी चल रही थी और दूसरी तरफ, उसने दावा किया कि उनका रिश्ता सहमति से बना था।

वहीं, पुरुष के वकील ने कहा कि महिला को पता था कि 2010 में उसकी पत्नी के खिलाफ शुरू की गई तलाक की कार्यवाही तुरंत वापिस ले ली गई थी। मगर, कोर्ट ने कहा कि जब शिकायतकर्ता की पहली शादी चल रही थी तब उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने को धारा 376 (बलात्कार) माना जा सकता है।

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