

चंडीगढ़ (EXClUSIVE): नशे को लेकर पंजाब सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस बार पंजाब के साथ-साथ हरियाणा को भी कटघरे में खड़ा किया है और दोनों राज्यों की पुलिस से नशे को कैसे नष्ट किया जाता है।
कोर्ट ने दोनों राज्यों से नशे के खिलाफ किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी मांगी है। साथ ही कोर्ट ने पंजाब में बढ़ती नशे की लत पर केंद्र सरकार और एनसीबी से जानकारी मांगी है कि पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस में कितने लोग नशे के चंगुल में फंसे हुए हैं।
पंजाब और हरियाणा में ड्रग्स के बढ़ते प्रभाव के मामले में दोनों राज्यों को यह जानकारी देने का आदेश दिया गया है कि पुलिस द्वारा जब्त किए गए ड्रग्स को कैसे नष्ट किया जाता है। पंजाब में हजारों करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त होने के बावजूद ड्रग्स के बढ़ते प्रभाव को लेकर अब हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से सवाल किया है।
केंद्र और एनसीबी को भी आदेश जारी
हाईकोर्ट ने केंद्र और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से यह भी पूछा है कि पंजाब और हरियाणा में नशे के चंगुल में फंसे लोगों की संख्या कितनी है और दोनों राज्यों में आम लोगों को शिक्षित और सुरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
बता दें कि पिछले महीने दिसंबर में बीएसएफ के डीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीमा पर ड्रग तस्करी को लेकर चिंता जताई थी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था।
बीएसएफ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2023 में उन्होंने 755 किलो ड्रग्स जब्त किया है और पाकिस्तान से आ रहे 95 ड्रोन को मार गिराया है। इस मामले में 36 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 15 राइफलें और 38 पिस्तौलें बरामद की गईं, जबकि सीमा पार करने की कोशिश करते समय 9 पाकिस्तानी मारे गए।