Friday, November 15, 2024
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इस दिन से शुरू होंगे देवी मां के गुप्त नवरात्रि, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

जालंधर (TE): नवरात्रि दौरान भारत देश में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। इन खास दिनों में लोग देवी मां के अलग-अलग रुपों की पूजा करते हैं। हिंदू धर्म शास्त्र अनुसार, सालभर में कुल 4 बार नवरात्रि आते हैं। इसमें 2 चैत्र और शारदीय नवरात्रि होते हैं। वहीं 2 गुप्त नवरात्रि कहलाते हैं। बात गुप्त नवरात्रि की करें तो ये माघ और आषाढ़ महीने मे आते हैं।

आने वाले हैं आषाढ़ माह की नवरात्रि

बता दें, जून महीने में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि आने वाले हैं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इन दिनों 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करने से शुभफल की प्राप्ति होती है।

वहीं तंत्र मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए ये दिन बेहद खास होती है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में मां अम्बे के नौ रूपों की पूजा करने से मनचाहा फल मिलता है चलिए हम आपको बताते हैं गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना का मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि…

गुप्त नवरात्रि में करें इन 10 महाविद्याओं की साधना

मां काली
मां तारा
मां त्रिपुर सुंदरी
मां भुवनेश्वरी
मां छिन्नमस्ता
मां त्रिपुर भैरवी
मां धूमावती
मां बगलामुखी
मां मातंगी
मां कमला

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि

गुप्त नवरात्रि आरंभ- 18 जून 2023, सुबह 10.06 बजे से 19 जून 2023, सुबह 11.25 मिनट तक
ऐसे में उदया तिथि 19 जून होने से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत इसी दिन से मानी जाएगी।

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त- 19 जून 2023 सुबह 05.23 मिनट से 07.27 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11.55 मिनट से दोपहर 12.50 मिनट बजे तक

गुप्त नवरात्रि पूजा विधि

. इसके लिए गुप्त नवरात्रि पर देवी मां की पूजा करने के लिए सूर्यादय से पहले उठे।
. स्नान करके साफ कपड़े धारण करें।
. इसके बाद मंदिर में देवी मां की मूर्ति या चित्र चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर विराजमान करवाएं।
. मंदिर में गंगाजल से छिड़काव करें।
. मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बोएं।
. कलश स्थापित करें और अखंड ज्योत जलाएं।
. अब रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मां के मंत्रों का जाप करें।

 

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