

जालंधर (TE): सनातन धर्म में गंगा नदी को मां का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि वे मनुष्य के पापों को धोने के लिए स्वर्ग से धरती आई थी। वे जिस दिन धरती पर अवतरित हुई थी उसे खास पर्व की तरह मनाया जाता है। इसे गंगा दशहरा कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान, पूजा व दान करने का विशेष महत्व है। चलिए जानते हैं गंगा दशहरा मनाने की तिथि, शुभ मुहूर्त आदि विस्तार में…
गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि का आरंभ – 29 मई 2023, दिन सोमवार की सुबह 11.49 मिनट से
दशमी तिथि का समापन – 30 मई 2023, दिन मंगलवार, दोपहर 01.07 मिनट तक
हस्त नक्षत्र आरंभ – 30 मई 2023, दिन मंगलवार, सुबह 04.29 मिनट से
हस्त नक्षत्र समापन – 31 मई 2023, दिन बुधवार, सुबह 06 बजे तक
गंगा दशहरा का महत्व
ज्योतिषशास्त्र अनुसार, इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। वे स्वर्ग से धरती पर आई थी। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
गंगा दशहरा की पूजा विधि
. इस दिन गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। गंगा नदी में 10 बार डुबकी लगाए। स्नान करते समय ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें। गंगा में डुबकी लगाने के बाद हवन करें। इस दौरान ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ मंत्र का जाप करें।
अगर आप घर पर पूजा करना चाहते हैं तो इसके लिए पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर नहाएं। इसके बाद गरीब, बेसहारा लोगों को रुपए, कपड़े, अन्न आदि का दान करें। याद रखें आप जिस चीज को दान करना चाहते हैं उसकी संख्या 10 हो। मान्यता है कि आज के लिए 10 संख्या में चीजें दान करनी चाहिए। इसके अलावा भगवान की पूजा में भी चीजें की संख्या 10 होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर 10 फूल, 10 फल आदि।