जालंधर (TES): कुंडली में केतु को क्रोधी ग्रह से संबोधित किया जाता है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, कुंडली में केतु का प्रभाव होना अशुभ माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, केतु का अंक 7 माना जाता है। वहीं आने वाला साल का मूलांक भी 7 है। ऐसे में नए साल पर केतु का प्रभाव होने से कई लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ सकती है।
मगर कुंडली में केतु के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए आप नए साल के पहले दिन ही कुछ खास व आसान उपाय कर सकते हैं। चलिए जानते हैं केतु के अशुभ प्रभाव को शुभ करने के उपाय…
बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें
नए साल की शुरूआत बड़े-बुजुर्गों की सेवा करके व उनसे आशीर्वाद लेकर करें। इससे आपका पूरा साल सुखमय बीतेगा। साथ कुंडली में केतु व अन्य ग्रह के दुष्प्रभाव दूर होंगे।
ऐसे कुत्ते को खिलाएं रोटी
कुंडली से केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए 2 रंगों वाले कुत्ते को रोटी खिलाएं। आप चाहे घर पर कुत्ता पाल भी सकते हैं। मान्यता है कि इससे सालभर केतु को शांत करने में मदद मिलती है।
गाय को खिलाएं चारा
हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। इसमें समस्त देवी-देवताओं का वास माना गया है। ऐसे में नए साल से रोजाना गाय को हरा चारा खिलाने की आदत डाल लें। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो हफ्ते में कम से कम 2 बार तो गाय को चारा जरूर खिलाएं। मान्यता है कि इससे जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। घर-परिवार में एकता, स्नेह आदि बना रहता है।
मंदिर में फहराएं नया ध्वज
नए साल पर अपने घर के पास बने मंदिर में नया ध्वज जरूर फहराएं। इससे कुंडली में केतु व अन्य ग्रहों का दुष्प्रभाव दूर होता है।
इस रंग के पहने कपड़े
साल के पहले दिन भूरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन से ही दूसरों से प्यारभरा व्यवहार करना शुरु कर दें। ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होगी।
भगवान कृष्ण की करें पूजा
अगर आप केतु के दुष्प्रभावों से परेशान हैं तो नए साल पर नाग पर नाचते हुए बाल कृष्ण की प्रतिमा की विधिवत पूजा करें। साथ ही ‘ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय नमः’ बीज मंत्र का 108 बार यानी 1 माला जाप करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा आप पर व आपके परिवार पर बरसेगी।
दान करें
साल के पहले दिन काले तिल दान, नींबू, चाकू, आमचूर, आंवले का अचार आदि का दान करें। केतु से जुड़ी इन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।