

जालंधर (TES): महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि गेहूं की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। कारोबारी जगत और बाजार सूत्रों के मुताबिक सरकार के 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने के फैसले से गेहूं और आटे की कीमतों में 4 से 6 रुपये प्रति किलो की कमी आ सकती है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने बुधवार को गेहूं और उसके आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की। यह गेहूं अगले 2 महीनों में भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से विभिन्न माध्यमों से बेचा जाएगा।
यह गेहूं ई-नीलामी के जरिए आटा मिल मालिकों को बेचा जाएगा। हालांकि, गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना सीमित लगती है और कीमतें 2023-24 (अप्रैल से मार्च) के लिए 21.25 रुपये प्रति किलोग्राम के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर बनी रहेंगी।
बाजार सूत्रों ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार 2023-24 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस की घोषणा नहीं करती, तब तक केंद्र के लिए नए विपणन सत्र में अपने स्टॉक को फिर से भरना मुश्किल हो सकता है।
हालांकि, अन्य लोगों का मानना है कि एक बार जब गेहूं की नई फसल बाजार में आनी शुरू हो जाती है, तो मध्य प्रदेश को छोड़कर सभी उत्पादक राज्यों में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे गिर सकती हैं, बशर्ते उत्पादन अच्छा हो।
इस तरह की और जानकारी पाने के लिए और हमारे Whatsapp Group को ज्वायन करने के लिए यहां Click करें।
Read More
फिर सामने आई नवजोत सिद्धू की NRI बहन, कही ये बात
जालंधर के पड़ोसी शहर में व्यापारी को मारी गोली, लोगों में दहशत
यात्री ने फैलाई विमान हाईजैक होने की झूठी खबर, सच्चाई सामने आते ही पुलिस ने सिखाया सबक