Thursday, December 26, 2024
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किसानों ने चंडीगढ़ की ओर किया रूख, चंडीगढ़ पुलिस ने की बैरिकेडिंग, जानें पूरा मामला

पंजाब (Exclusive): सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर आज चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक होने जा रही है। दोनों मुख्यमंत्रियों की यह बैठक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में होगी।

जानकारी के मुताबिक, बैठक शाम 4 बजे ताज होटल, सेक्टर 17, चंडीगढ़ में होगी लेकिन इससे पहले ही किसानों की ओर से इस बैठक का कड़ा विरोध किया जा रहा है। प्रदर्शन करते हुए मोहाली में इकट्ठा होने के बाद अब किसान जयकारे लगाते हुए चंडीगढ़ की ओर बढ़ गए हैं।

बता दें कि एसवाईएल के मुद्दे पर पांच किसान संगठन केंद्र सरकार और बैठक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं, जिसका किसान नारे लगाकर और हाथों में तख्तियां लेकर विरोध जता रहे हैं। हालांकि बैठक शाम को होगी लेकिन सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान मोहाली में जुटने शुरू हो गए थे।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में चंडीगढ़ की ओर कदम बढ़ा दिए गए हैं। किसानों का ये जमावड़ा नारे लगाते हुए चंडीगढ़ की ओर जा रहा है, जिन्हें रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग भी की गई है।

क्या है पूरा मामला?

बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ-साथ केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। एसवाईएल को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच यह तीसरी बैठक है। पहली दो बैठकें बेनतीजा रहीं।

बता दें कि इससे पहले 14 अक्टूबर 2022 और 4 जनवरी 2023 को दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक हुई थी। इस दौरान हरियाणा सरकार ने यह भी आरोप लगाया था कि एसवाईएल नहर पर हुई सभी बैठकें पंजाब के नकारात्मक रवैये के कारण बेनतीजा रहीं।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से नहर निर्माण के लिए कदम उठाने को कहा है। इस मामले में केंद्र दोनों मुख्यमंत्रियों से बात कर समाधान निकालने की कोशिश करेगा। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए अगली सुनवाई में रिपोर्ट मांगी है कि केंद्र सरकार बताए कि पंजाब में एसवाईएल नहर के निर्माण की मौजूदा स्थिति क्या है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से यह भी कहा कि दोनों राज्यों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए। इस मामले की सुनवाई जनवरी 2024 के दूसरे हफ्ते में होनी है।

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