चंडीगढ़ (Exclusive): पंजाब में किसान एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं और ‘रेल रोको आंदोलन’ का ऐलान कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी वह ट्रेनों को आगे नहीं जाने देंगे।
सरकार से ये मांगे कर रहे किसान
दरअसल, उत्तर भारत के 6 राज्यों के 16 किसान संगठनों द्वारा चंडीगढ़ मार्च की घोषणा के बाद हुई किसानों की गिरफ्तारियां और संगरूर में एक किसान की ‘शहादत’ के बाद एक मीटिंग की गई। केंद्र से संबंधित मांगों को लेकर सोमवार को किसान प्रतिनिधियों और चंडीगढ़, पंजाब-हरियाणा और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच पंजाब भवन में बैठक हुई।
इस दौरान सरवन सिंह पंधेर और भारतीय किसान मजदूर यूनियन के सुरेश ने सरकार के सामने मांग रखी कि बाढ़ प्रभावित राज्यों में 50 हजार करोड़ की राहत राशि दी जाए। वहीं, उन्होंने MSP गारंटी कानून बनाने, मनरेगा के तहत हर साल 200 दिन का रोजगार देने के लिए कहा।
धरने पर क्यों बैठे किसान?
यही नहीं, किसानों से सरकार से दिल्ली मोर्चे के दौरान गिरफ्तार किए गए किसानों को छोड़ने और उनका केस रद्द करने की मांग रखी। मगर, उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके चलते 16 संगठन के किसान 28 सितंबर से रेल रोको मोर्चा शुरु करेंगे, जोकि 3 दिन चलेगा।
उन्होंने कहा कि मोर्चे की शुरुआत पंजाब से की जाएगी। अगर सरकार उनकी मांगों पूरी नहीं करती तो अगले चरण में रेल रोको आंदोलन की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि 8 सितम्बर को जी-20 शिखर सम्मेलन के विरोध में पूरे उत्तर भारत में पुतले जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा। 16 संगठनों की अगली बैठक 11 सितबंर को होगी।