

जालंधर (TES): माघ के पूरे माह मेें पूजा-पाठ, पवित्र नदियों व सरोवरों में स्नान आदि धार्मिक कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है। वहीं इस माह में पड़ने वाली अमावस्या का भी विशेष महत्व है। इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। ज्योतिषशास्त्र अनुसर, इस बार की आने वाली मौनी अमावस्या पर करीब 30 साल के बाद खप्पर योग बन रहा है।
इस योग में शनिदेव की पूजा व इनसे जुड़े कार्य करना शुभ माना जाता है। वहीं इस दिन कुछ खास उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद मिलने के साथ जीवन की समस्याएं दूर होकर घर में सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है। चलिए जानते हैं मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त, तिथि व खास उपायों के बारे में…
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त व तिथि
मौनी अमावस्या आरंभ- 21 जनवरी 2023 दिन शनिवार, सुबह 06.19 बजे से
मौनी अमावस्या समाप्त- 22 जनवरी 2023, दिन रविवार, रात 02.25 बजे तक
मौनी अमावस्या पर जरूर करें ये उपाय
सूर्यदेव को अर्घ्य दें
इस शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल देते हुए गायत्री मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि इससे भगवान सूर्य देव बल, बुद्धि, आत्मसम्मान आदि प्रदान करते हैं।
पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण करें
मौनी अमावस्या के लिए पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता है। इस दिन पिंड दान करने का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही कुंडली में कालसर्प दोष दूर होता है।
दान करें
इस दिन गरीब, बेसहारा लोगों को काले रंग के कंबल, काले तिल या तिल के लड्डू दान करने चाहिए। इसके साथ ही अपने सामर्थ्य के अनुसार, गरीबों को भोजन खिलाना व वस्त्र दान करना चाहिए।