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नई दिल्ली (Exclusive): डीजल इंजन गाड़ियां विलुप्त होने के कगार पर हैं क्योंकि मोदी सरकार डीजल गाड़ियों पर टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रही है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह वायु प्रदूषण में कटौती करने के लिए डीजल वाहनों और जेनसेट पर 10 प्रतिशत जीएसटी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यहां 63वें वार्षिक सियाम सम्मेलन में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
गडकरी ने कहा, “मैं आज शाम वित्त मंत्री को एक पत्र सौंपने जा रहा हूं जिसमें कहा गया है कि डीजल से चलने वाले वाहनों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाए।”
There is an urgent need to clarify media reports suggesting an additional 10% GST on the sale of diesel vehicles. It is essential to clarify that there is no such proposal currently under active consideration by the government. In line with our commitments to achieve Carbon Net…
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 12, 2023
देश में फिलहाल ज्यादातर कमर्शियल वाहन डीजल से चलते हैं। बता दें कि मारुति सुजुकी इंडिया और होंडा सहित विभिन्न कार निर्माता पहले ही डीजल कारों का निर्माण बंद कर चुके हैं। गडकरी ने कहा कि देश में डीजल कारों का योगदान पहले ही काफी कम हो गया है और निर्माताओं को इन्हें बाजार में बेचना बंद करना होगा।
उन्होंने डीजल को खतरनाक ईंधन करार देते हुए कहा कि मांग को पूरा करने के लिए देश को ईंधन का आयात करना पड़ता है। गडकरी ने कहा, “डीजल को अलविदा कहें…कृपया इन्हें बनाना बंद करें, नहीं तो हम टैक्स इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कारें बेचना मुश्किल हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि वह डीजल से चलने वाले जेनरेटर पर भी अतिरिक्त जीएसटी का प्रस्ताव रखेंगे।
गौरतलब है कि ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। साथ ही वाहन के प्रकार के आधार पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक अतिरिक्त उपकर लगता है। एसयूवी पर 22 फीसदी मुआवजा उपकर के साथ 28 फीसदी की दर से सबसे ज्यादा जीएसटी लगता है।