Sunday, June 8, 2025
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पंजाब में सियासी घमासानः पंचायत चुनाव से जुड़ी फ़ाइल की प्रति ऑनलाइन सामने आई, जानें क्या है पूरा मामला

पंजाब (Exclusive): पंजाब में पंचायल चुनावों की घोषणा कर दी गई है। उस फाइल की एक कापी भी ऑनलाइन सामने आई है जिसके आधार पर पंजाब में पंचायतों के चुनावों की घोषणा की गई थी।

फ़ाइल में मुख्यमंत्री भगवंत मान और ग्रामीण विकास मंत्री लालजीत भुल्लर के अलावा उन दो आईएएस अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, जिन्हें गुरुवार को पंचायत चुनाव विवाद में निलंबित कर दिया गया था। ग्राम्य विकास के वित्तीय आयुक्त रहे डीके तिवारी दोनों का निलंबन और गुरप्रीत सिंह खैरा, निदेशक, ग्रामीण विकास ने सरकार में बेचैनी पैदा कर दी है।

फ़ाइल की से पता चलता है कि मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री दोनों ने फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं। विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है कि केवल अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई, जबकि संबंधित मंत्री को छोड़ दिया गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “सीएम और मंत्री ने केवल वही मंजूरी दी जो अधिकारियों ने फाइल पर रखी थी। उन्हें अधिकारियों द्वारा इस बात की जानकारी नहीं दी गयी कि चुनाव की घोषणा और पंचायतों के विघटन से पहले तय प्रक्रियाओं का अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया है। इस तरह सरकार को कोर्ट में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। इसकी जानकारी जैसे ही सीएम को हुई, उन्होंने तुरंत अधिसूचना वापस लेने का आदेश दिया। वे अधिकारियों के कार्यों के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं?”

वहीं, कई अधिकारियों ने दावा किया है कि निलंबित किए गए दोनों अधिकारी केवल अपने राजनीतिक आकाओं के निर्देशों पर काम कर रहे थे। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने गुरुवार को दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को “तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण” निर्णय के लिए निलंबित कर दिया था, इसके कुछ ही घंटों बाद उन्होंने “यू-टर्न” लेते हुए उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह राज्य में सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने वाली अपनी अधिसूचना वापस ले रही है।

सरकार ने 1994-बैच के IAS अधिकारी धीरेंद्र कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव, ग्रामीण विकास और पंचायत को निलंबित कर दिया थआ। साथ ही 2009-बैच के IAS अधिकारी गुरप्रीत सिंह खैरा, निदेशक, ग्रामीण विकास और पंचायत और पदेन विशेष सचिव, ग्रामीण विकास और पंचायत, एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, अखिल भारतीय सेवा नियम, 1969 के नियम 3(1) के प्रावधानों के तहत सस्पेंड कर दिया गया था।

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