

जालंधर (TE): कहा जाता है कि संकटमोचन हनुमान जी कलयुग में है। माना जाता है कि उनके सामने किसी भी मायावी शक्ति का कोई असर नहीं हो पाता है। उनकी पूजा करने से हर तरह के रोग, भय, संकटों का हरण हो जाता है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। ऐसे में इस दिन खासतौर पर इनकी पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
वहीं आज ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगलवार है। ऐसे में आज आप हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा करने के साथ उनके चमत्कारी 108 नामों का जाप करें। मान्यता है कि इन नामों का जाप करने से आत्मीय शांति व ऊर्जा बढ़ती है। इसी के साथ जीवन के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। चलिए जानते हैं हनुमान जी के 108 चमत्कारी नाम
1 महावीर
2 हनुमत
3 बालार्कसदृशनाय
4 दशग्रीवकुलान्तक
5 लक्ष्मण प्राणदाता
6 महाद्युतये
7 चिरंजीवने
8 भीमसेन सहायकृते
9 कपीश्वराय
10 महाकायाय
11 कपिसेनानायक
12 कुमार ब्रह्मचारिणे
13 महाबलपराक्रमी
14 रामदूताय
15 अभयदाता
16 केसरी सुताय
17 शोक निवारणाय
18 अंजनागर्भसंभूताय
19 विभीषणप्रियाय
20 वज्रकायाय
21 रामभक्ताय
22 लंकापुरीविदाहक
23 सुग्रीव सचिवाय
24 पिंगलाक्षाय
25 हरिमर्कटमर्कटाय
26 रामकथालोलाय
27 सीतान्वेणकर्त्ता
28 वज्रनखाय
29 रुद्रवीर्य
30 वायु पुत्र
31 रामभक्त
32 वानरेश्वर
33 ब्रह्मचारी
34 आंजनेय
35 मारुतात्मज
36 तत्वज्ञानप्रदाता
37 सीता मुद्राप्रदाता
38 अशोकवह्रिकक्षेत्रे
39 सर्वमायाविभंजन
40 सर्वबन्धविमोत्र
41 रक्षाविध्वंसकारी
42 परविद्यापरिहारी
43 परमशौर्यविनाशय
44 परमंत्र निराकर्त्रे
45 परयंत्र प्रभेदकाय
46 सर्वग्रह निवासिने
47 सर्वदु:खहराय
48 सर्वलोकचारिणे
49 शतकण्ठमदापहते
50 केसरी नंदन
51 अनघ
52 अकाय
53 तत्त्वगम्य
54 लंकारि
55 मनोजवय
56 पारिजातमूलस्थाय
57 सर्वमूत्ररूपवते
58 सर्वतंत्ररूपिणे
59 सर्वयंत्रात्मकाय
60 सर्वरोगहराय
61 प्रभवे
62 सर्वविद्यासम्पत
63 भविष्य चतुरानन
64 रत्नकुण्डल पाहक
65 चंचलद्वाल
66 गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ
67 कारागृहविमोक्त्री
68 सर्वबंधमोचकाय
69 सागरोत्तारकाय
70 प्रज्ञाय
71 प्रतापवते
72 दैत्यविघातक
73 अक्षहन्त्रे
74 कालनाभाय
75 कांचनाभाय
76 पंचवक्त्राय
77 महातपसी
78 धीराय
79 शूराय
80 दैत्यकुलान्तक
81 सुरारर्चित
82 महातेजस
83 रामचूड़ामणिप्रदाय
84 अंजली सुत
85 मैनाकपूजिताय
86 मार्तण्डमण्डलाय
87 विनितेन्द्रिय
88 रामसुग्रीव सन्धात्रे
89 महारावण मर्दनाय
90 स्फटिकाभाय
91 वागधीक्षाय
92 लंकिनीभंजन
93 श्रीमते
94 सिंहिकाप्राणहर्ता
95 लोकपूज्याय
96 नवव्याकृतपंडित
97 चतुर्बाहवे
98 दीनबन्धवे
99 महात्मने
100 भक्तवत्सलाय
101 अपराजित
102 शुचये
103 वाग्मिने
104 दृढ़व्रताय
105 कालनेमि प्रमथनाय
106 दान्ताय
107 शान्ताय
108 प्रसनात्मने