

दिल्ली (Exclusive): कोरोनावायरस संकट में स्कूलों और अभिभावकों के बीच फीस को लेकर मसला लंबा खींचता जा रहा है। जहां एक तरफ अभिभावकों की तरफ से स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं वही प्राइवेट स्कूल यह दलीलें पेश कर रहे हैं कि उन्होंने भी अपने टीचर्स को वेतन देना है।
ऐसे में हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के उद्देश्य से लिया गया परीक्षा शुल्क छात्रों को लौटाने का फैसला दिया था।
यह फैसला तब दिया गया था जब सरकार की तरफ से आदेश जारी हुए थे कि इस बार बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सीबीएससी को 8 सप्ताह का समय दिया गया है।
न्यायमूर्ति प्रति जलाने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई को इसके बारे में याचिका दायर होने के बाद आदेश दिया की वह छात्रों का परीक्षा शुल्क जल्द लौटा।
यह याचिका दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा की दीपा द्वारा दायर की गई थी जिसमें 21 ₹100 का भुगतान किया था। फिलहाल इस फैसले के निपटारे में अभी समय लग सकता है।
Read More
- बड़ा हादसा-एक झटके में थम गई तीन दोस्तों की सांसे!
- कोरोना की चपेट में आई इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया, एक खिलाड़ी पॉजिटिव
- जालंधर में युवती का कत्ल, पहले गोली मारी फिर किया ये काम , मचा हड़कंप
- अगले पांच दिनों में इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
- जाने,क्या रावण ही था पहला कांवड़िया, क्या होती है कांवड़ यात्रा
- जाने, वायुसेना के किस हवाई अड्डे पर बीती रात एक और ड्रोन दिखा
- कैसे हारेगा कोरोना…इतने वैक्सीनेशन Centre बंद! स्वास्थ्य मंत्री के बयान ने बढ़ाई चिंता
- पंजाब में बड़ी घटना,शादी समारोह में युवक की हत्या
- पढ़े,बेअदबी मामला में क्यो भड़का अकाल तख्त
- पंजाब में भाजपा को लेकर रणनीति का किसानों ने किया बड़ा एलान