

चंडीगढ़ (Exclusive): पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच शुक्रवार को विधायक नवजोत सिद्धू और पार्टी की अंतरिम प्रधान सोनिया गांधी की मीटिंग शुरू हो गई है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत भी बैठक में मौजूद हैं।
उम्मीद है कि इस मुलाकात के बाद सिद्धू कोई बड़ा फैसला करेंगे। पता चला है कि कांग्रेस अब नया फार्मूला तलाश रही है ताकि कैप्टन और सिद्धू दोनों को नाराज़ न किया जाए। इस बीच मनीश तिवारी ने एक टवीट करके एक बार फिर से पंजाब में हिंदू सिख व दलित वर्ग पर चर्चा छेड़ दी है।
इससे पहले गुरुवार शाम को सिद्धू को पार्टी का प्रदेश प्रधान बनाए जाने की खबरों से नाराज कैप्टन ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर कहा कि पंजाब में 2022 का विधानसभा चुनाव उन्हीं की नुमाइंदगी में लड़ा जाएगा। कैप्टन ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब कांग्रेस का प्रधान भी उनकी मर्जी से ही बनेगा।
उन्होंने सोनिया को यह भी आश्वासन दिया कि कांग्रेस फिर से पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव का इतिहास दोहराएगी। इधर, सिद्धू को चुनाव प्रचार समिति का प्रधान और कार्यकारी समिति का सदस्य बनाए जाने की बात चली तो उसके बाद सिद्धू भी खफा हो गए।
नाराज सिद्धू ने चंडीगढ़ पहुंचकर अपने समर्थक कैबिनेट मंत्री और विधायकों के साथ आगे की रणनीति तैयार की। बैठक में तय किया गया कि रणनीति के तहत सिद्धू एक दो-दिन में आलाकमान से बात करेंगे, जिसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। शुक्रवार सुबह सिद्धू के दिल्ली जाने की खबर आई।