

नई दिल्ली (EXClUSIVE): केंद्र की मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी को अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार के इस बजट में किसानों, व्यापारियों और गरीबों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में सरकार का फोकस खपत बढ़ाने पर होगा। इसके लिए वित्त मंत्री कुछ ऐसे उपायों की घोषणा कर सकती हैं, जिससे आम लोगों के हाथ में ज्यादा से ज्यादा पैसा पहुंच सके।
सूत्रों के मुताबिक, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना लगातार छठा बजट पेश करेंगी तो उनसे मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखते हुए उपभोग और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रस्तावों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। उपभोग बढ़ाने का एक तरीका लोगों के हाथों में अधिक पैसा देना है। दूसरा तरीका यह हो सकता है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का दायरा बढ़ाकर या टैक्स स्लैब में बदलाव करके टैक्स का बोझ कम किया जाए।
इस बार का बजट सरकार का आखिरी बजट है इसलिए कोई और रास्ता अपनाए जाने की उम्मीद कम है क्योंकि आमतौर पर अंतरिम बजट में टैक्स को लेकर कोई बदलाव नहीं होता है। ऐसे में स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ाने या टैक्स स्लैब में किसी बदलाव की गुंजाइश कम है। इसका मतलब है कि सरकार के पास पुरानी योजनाओं के जरिए खपत बढ़ाने के उपाय करने का विकल्प बचा है.
महिलाओं के लिए भी एक उपहार!
विशेषज्ञों के मुताबिक, आम चुनाव से पहले उपभोग को बढ़ावा देने के सीतारमण के प्रयासों के तहत महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को अतिरिक्त रियायतें मिल सकती हैं। आम चुनाव से पहले लोकसभा में पेश अंतरिम बजट में नए कर प्रस्ताव या नई योजनाएं शामिल नहीं हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए हो सकती है यह घोषणा
कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट में सरकार किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है। किसान सम्मान निधि को मौजूदा 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 से 9000 रुपये किया जा सकता है। इस साल के बजट में सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) को आकर्षक बनाने का ऐलान कर सकती है।
31 को पेश किया जा सकता है आर्थिक सर्वेक्षण
सरकार अंतरिम बजट से पहले 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर सकती है। इस बार संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 9 फरवरी तक चलेगा। राष्ट्रपति का भाषण 31 जनवरी को दिया जाना है। इस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद उसी दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।