

पंजाब (EXClUSIVE): कनाडा सरकार ने नए छात्र वीजा की घोषणा की है, जिसका असर अब भारतीय छात्रों पर भी पड़ेगा। नए नियमों के तहत छात्र वीजा में 35 फीसदी की कटौती की गई है।
कथित तौर पर आप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवाह को रोकने और संस्थागत अंतराल को संबोधित करने के प्रयास में अगले दो वर्षों में दिए जाने वाले छात्र वीजा की संख्या पर एक सीमा लगा दी है।
भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर
संघीय सरकार का लक्ष्य वर्ष 2024 के लिए 360,000 स्नातक अध्ययन परमिटों को मंजूरी देना है, जो 2023 के आंकड़े से 35% की कमी दर्शाता है। यह निर्णय भारतीय छात्रों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, जो कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह है, जो 2022 में 41% से अधिक परमिट के लिए जिम्मेदार है। सीबीसी न्यूज के अनुसार, 2023 में 300,000 से अधिक भारतीय छात्र कनाडा गए।
ऐसे काम करेगी नई नीति
नई प्रणाली के तहत, प्रांतों और क्षेत्रों को जनसंख्या के आधार पर कुल परमिट का एक हिस्सा आवंटित किया जाएगा, जिससे उन क्षेत्रों में काफी कमी आएगी जहां अंतरराष्ट्रीय छात्र जनसंख्या वृद्धि को अस्थिर माना गया है। प्रत्येक क्षेत्र को यह तय करने की स्वायत्तता होगी कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के बीच परमिट कैसे वितरित किए जाएं। यह शब्द दो वर्षों तक प्रभावी रहेगा, 2025 के लिए पुनर्मूल्यांकन की योजना बनाई गई है।
वर्क परमिट में बदलाव की भी की गई घोषणा
पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट में बदलाव के तहत कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों अब सितंबर में शुरू होने वाले समेस्टर के लिए वीजा नहीं मिलेगा। मास्टर और अन्य ग्रेजऐशन सब्जेक्ट्स वाले स्टूडेंट्स को अब तीन साल के वर्क परमिट के लिए आवेदन करने का अवसर मिलेगा। ओपन वर्क परमिट मास्टर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के जीवनसाथियों तक ही सीमित होंगे।