चंडीगढ़ (EXClUSIVE): मुख्यमंत्री भगवंत के नेतृत्व में सरकार में किस तरह लापरवाही हो रही है, इसका उदाहरण पंजाब सरकार के बिजली विभाग पावरकॉम से सामने आ रहा है।
दरअसल, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को राजपुरा थर्मल प्लांट के साथ बिजली समझौते की फाइल की जांच करनी है लेकिन इससे पहले ही अधिकारियों की लापरवाही के कारण थर्मल प्लांट की पहली बोली की मुख्य फाइल कार्यालय से गायब हो गई है। बताया जा रहा है कि इस फाइल में कई अहम दस्तावेज अधिकारियों की लापरवाही के कारण खो गये हैं।
पावरकॉम की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि डीपीटी 57 का तीसरा पार्ट अगर किसी को मिले तो उसे वापस कर दिया जाए, क्योंकि इस मामले में विजिलेंस जांच कर रही है। जहां फाइल नहीं मिलने से बिजली विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, इस संबंध में विभाग ने सभी कार्यालयों को पत्र जारी कर तलब किया है।
विजिलेंस अब केवल 1980 मेगावाट तलवंडी साबो थर्मल प्लांट और 1400 मेगावाट राजपुरा थर्मल के साथ बिजली खरीद समझौतों की जांच करेगी। बता दें कि सरकार ने 11 नवंबर 2021 को इन समझौतों की जांच मुख्य सतर्कता आयुक्त न्यायमूर्ति मेहताब सिंह गिल से कराने की घोषणा की थी और 3 दिसंबर 2021 को संबंधित रिकॉर्ड भी तलब किया था।
पहले भी खो चुकी हैं फाइलें
हालांकि विजिलेंस जांच शुरू होने के बाद कार्यालय रिकार्ड से फाइल गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी विभिन्न विभागों में जांच शुरू होने पर फाइलें गुम हो गई थीं। आम आदमी पार्टी सरकार में ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में एक जांच के दौरान फाइलें खो गईं थीं, जिसकी शिकायत पुलिस तक पहुंची थी।