मुंबई: अक्षय कुमार की OMG-2 11 अगस्त को रिलीज होने जा रही लेकिन रिलीज होने से पहले ही फिल्म विवादों में आ गई है। दरअसल, फिल्म आदिपुरुष के डॉयलाग्स ने लोगोंं की धार्मिक भावनाओं को काफी आहत किया इसलिए सेंसर बोर्ड इस फिल्म को लेकर किसी भी तरह का रिस्क लेने तैयार नहीं है।
खबरों के मुताबिक, सेंसर बोर्ड ने इसे बैन कर दिया है और इसकी रिलीज पर रोक लगा दी है लेकिन सेंसर बोर्ड के पास किसी फिल्म को बैन करने का अधिकार नहीं होता। चलिए आपको बताते हैं कि सेंसर बोर्ड कैसे काम करती है और फिल्में कैसे पास होती है…
कैसे पास होती हैं सेंसर बोर्ड से फिल्में?
पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी के मुताबिक, जब कोई फिल्म सेंसर बोर्ड के पास आता है तो उसे एग्जामिनिंग कमेटी फिल्म देखती है, जिसमें चार मेंबर्स होते हैं। इनमें 2 महिलाएं और 2 पुरुष होते हैं। फिल्म के सारे पॉइंट्स को नोट किया जाता है।
कोई आपत्तिजनक बात लगने पर मेंबर्स डिस्कशन करके फिल्म में फाइनल कट्स या कोई डिस्क्लेमर लगाने की सिफारिश करते हैं। अगर चारों मेंबर्स की सहमति न बन पाए तो चेयरमैन सेकेंड व्यूइंग के तौर पर खुद फिल्म देखकर फैसला करते हैं। इसके बाद प्रोड्यूसर को बुलाकर डिस्कशन किया जाता है और उसे अपनी बात रखने का मौका देते हैं। अगर मेंबर्स के आपत्ति के बाद भी प्रोड्यूसर उस सीन को फिल्म में रखना चाहता है, तो उसे डिबेट का मौका दिया जाता है।
अगर प्रोड्यूसर सेंसर के मना करने के बाद भी ऐसा करता है तो वो फिल्म थिएटर में रिलीज ही नहीं कर पाएगा। फिल्म में बदलाव कर प्रोड्यूसर को एक बार फिर सेंसर बोर्ड की रिवाइजिंग कमेटी को दिखाना पड़ता है।