

चेन्नई (Exclusive): कोरोना वायरस की दूसरी लहर भारत में पड़ती नजर आ रही है जिसके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब धीरे-धीरे कोरोनावायरस खत्म हो जाएगा। रोजाना संक्रमित मामलों का आंकड़ा 50,000 के नीचे आ गया है। इतना ही नहीं अब मौतों के आंकड़ों में भी गिरावट दर्ज की जा रही है।
लेकिन किसी भी भारत के पॉजिटिव मामलों पर की गई गणितीय स्टडी ने सभी को एक बार फिर से परेशानी में डाल दिया। इस स्टडी के मुताबिक भारत में रीप्रोडक्टिव नंबर या आर नंबर में फिर से बढ़त देखने को मिल रही है।
चलिए अब आपको बताते हैं कि ये रीप्रोडक्टिव नंबर या आर नंबर है क्या?
आर नंबर एक तरह का संकेत है कि आप इतनी तेजी से करो ना वायरस महामारी फैलती है। इतना ही नहीं यह करो ना वायरस के दौरान संक्रमित मामला पर भी कड़ी नजर रखता है जिससे सटीक आंकड़े निकाले जा सके।
चेन्नई के इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज में हुए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ दिनों से यानी कि जुलाई में एक बार फिर से यह आर नंबर बढ़ने लगे हैं जो अप्रैल के बाद कम हो रहे थे।
इस स्टडी के मुताबिक 20 जून से 7 जुलाई के बीच पूरे देश की आर वैल्यू 0.88 थी। यह आर वैल्यू 15 मई से 26 जून के बीच 0.78 थी। इसका मतलब यह हुआ कि हर 100 संक्रमित लोगों का समूह अब औसतन 88 लोगों को संक्रमित कर रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता देंगे नियमित रूप से पॉजिटिव मामलों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है जिसके बाद वैज्ञानिकों की तरफ से भी करुणा की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
फिलहाल एक बार फिर से अनलॉक प्रक्रिया देश में जारी हो चुकी है लेकिन इस बात को कहना अभी जल्दबाजी होगी कि देश में कोरोनावायरस अब खत्म हो रहा है।
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