

अधिक मास, जिसे हिंदू धर्म में पुरूषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है, भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है 2023 में, अधिक मास 18 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 16 अगस्त को समाप्त होगा। इस दौरान लोग भगवान विष्णु की पूजा, उपवास करते हैं। इसके अलावा इस महीने में दान, भक्ति और मंत्र जप का महत्व भी बढ़ जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि अधिक मास का महत्व क्या है…
अधिक मास में करें इन मंत्रों का जाप
1. ॐ नमः शिवाय..!!
2. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय..!!
क्यों खास है अधिक मास?
अधिक मास को हिंदू धर्म में पुरूषोत्तम मास और मल मास के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस वर्ष श्रावण मास के कारण अधिक मास का विशेष महत्व है।
अधिक मास के दौरान भूलकर भी ना करें ये काम
– इस दौरान प्याज-लहुसन के अलावा गाजर, उड़द की दाल, गोभी, शहद, चौलाई आदि का सेवन वर्जित माना जाता है।
– अधिक मास में तामसिक भोजन, मांस-मछली, शराब और किसी भी नशीली चीज का सेवन ना करें।
– कहा जाता है कि इस दौरान कोई भी मुंडन कार्य, विवाह, ग्रह प्रवेश आदि कार्य भी ना करे। इसके अलावा इस दौरान कोई नया घर भी नहीं खरीदना चाहिए। इस महीने में कोई नया बिजनेस भी शुरु नहीं करना चाहिए।
– भगवान विष्णु को तुलसी भी अति प्रिय है इसलिए अधिक मास के दौरान तुलसी से जुड़ी कोई भी गलती ना करें।
– इस महीने में किसी भी व्रत का उद्यापन भी नहीं करना चाहिए।