Sunday, June 8, 2025
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AAP ने किया ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध , कहा-बुराइयो को देगा बढ़ावा

नई दिल्ली (EXClUSIVE): आम आदमी पार्टी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध करते हुए दावा किया है कि एक साथ चुनाव कराने से संसदीय लोकतंत्र की अवधारणा को नुकसान पहुंचेगा। ये अवधारणा दल-बदल विरोधी और विधायकों तथा सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त की बुराइयों को बढ़ावा देना।

18 जनवरी को सचिव उच्च-स्तरीय समिति को लिखे पत्र में AAP के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने कहा कि ONOE के कार्यान्वयन से संघ स्तर पर सत्तारूढ़ पार्टी को क्षेत्रीय दलों और अन्य दलों पर अनुचित लाभ मिलता है। राज्यों में केंद्र-सत्तारूढ़ पार्टी के साथ प्रतिस्पर्धा।

आप सचिव ने कहा, “आम आदमी पार्टी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का कड़ा विरोध करती है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संसदीय लोकतंत्र की अवधारणा, संविधान की मौलिक संरचना और देश की संघीय राजनीति को कमजोर कर देगा। यह त्रिशंकु विधानसभाओं से निपटने में असमर्थ है और सक्रिय रूप से दल-बदल विरोधी और विधायकों और सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त की बुराइयों को बढ़ावा देगा।”

आप ने यह भी कहा है कि अल्पकालिक वित्तीय लाभ या प्रशासनिक सुविधा के लिए संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों का बलिदान नहीं किया जाना चाहिए। एक साथ चुनाव कराने से जो लागत बचाने की कोशिश की जा रही है, वह भारत सरकार के वार्षिक बजट का मात्र 0.1 प्रतिशत है।

आम आदमी पार्टी का मानना है कि ONOE राष्ट्रीय एजेंडे के लिए खतरा है, जिससे केंद्रीय स्तर पर सत्ता में रहने वाली पार्टी को क्षेत्रीय पार्टियों और राज्यों में केंद्र-सत्तारूढ़ पार्टी के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाली अन्य पार्टियों पर अनुचित लाभ मिलता है।

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