

चंडीगढ़ (TES): पंजाब के बिजली खरीद समझौतों की विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। विजिलेंस विभाग ने जांच को तेजी के साथ आगे बढ़ाने के लिए सरकार से जहां पूर्व की बादल सरकार की ओर से किए इन बिजली समझौतों की कॉपियां मांगी हैं। वहीं मामले में चीफ विजिलेंस कमीशन दफ्तर की मदद करने के लिए पावरकॉम के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी तैनात करने की मांग की है।
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जानकारी के मुताबिक विजिलेंस विभाग ने पत्र लिखकर चन्नी सरकार से साल 2007 से लेकर 2017 के बीच तत्कालीन बादल सरकार और प्राइवेट कंपनियों के बीच हुए बिजली खरीद समझौतों की कॉपियां मुहैया कराने को कहा है।
साथ ही पावरकॉम को साल 2007 से 2017 के बीच खास तौर से पैडी के पीक सीजन के दौरान विभिन्न ग्रिडों से मिलने वाली बिजली के रेटों में अंतर संबंधी अह्म जानकारी देने को भी कहा गया है। ताकि पता लग सके कि प्राइवेट कंपनियां कितनी महंगी बिजली पावरकॉम को दे रही थीं।
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इसके अलावा पावरकॉम के एक सीनियर अधिकारी को चीफ विजिलेंस कमीशन दफ्तर की इस मामले में जांच दौरान मदद को तैनात करने के लिए कहा गया है। पत्र में लिखा गया है कि इस अधिकारी को जल्द से जल्द लगाया जाए जिससे जांच को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
साथ ही पंजाब सरकार के पावर विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को 9 दिसंबर तक इन बिजली खरीद समझौतों से पावरकॉम के साथ-साथ उपभोक्ताओं को हो रहे वित्तीय नुकसान, समझौतों की खामियों बारे लिखित में जानकारी देने की अपील की गई है।
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