

जालंधर (Exclusive): कोरोना वायरस का कहर पिछले डेढ़ साल से लोगों को सता रहा है। कई लोग अपने घर के सदस्य को इस वायरस के कारण खो चुके हैं इतना ही नहीं अभी भी संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। कृष्ण चल रही दूसरी करो ना लहर के साथ-साथ ब्लैक और वाइट फंगस के मामलों ने भी अब चिंताजनक स्थिति बना दी है।
अगर हम ब्लैक फंगस की बात करें तो इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है। आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करता है। ऐसे में स्मोकिंग करने वाले लोगों के लिए खतरा साबित हो सकता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्मोकिंग भी सीधा फेफड़ों को अपनी चपेट में लेती है। शरीर के फेफड़ों में टार संबंधी एक जहर पैदा कर देती है जो व्यक्ति के शरीर को धीरे-धीरे खत्म करता रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो धूम्रपान करके अपने फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों में कोविड की गंभीरता और इससे मौत का जोखिम 50 फीसदी ज्यादा होता है।
धूम्रपान करना कोरोनावायरस को नियंत्रण देने के समान हो सकता है। उनकी आदत धीरे-धीरे व्यक्ति के शरीर को लो बनाती रहती है जिससे उसके रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचता है। और इसी के साथ ही कमजोर इम्यूनिटी के लोगों पर कोरोनावायरस का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की तरफ से भी यह चेतावनी जारी की गई है कि धूम्रपान इस महामारी में मृत्यु दर को और बढ़ा सकता है।