जालंधर(Exclusive) आषाढ़ मास (ashadh month)का कृष्ण पक्ष अब बीतने वाला है और शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होने वाला है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (Chaturthi)को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi)कहते हैं। आषाढ़ मास या जुलाई माह की विनायक चतुर्थी आज 13 जुलाई (13 July)दिन मंगलवार को है।
इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं। इस दिन दो शुभ योग रवि और सिद्धि बने रहे हैं। जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत रखते हैं, वे दोपहर के शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करते हैं। विघ्नहर्ता गणेश जी सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे करते हैं और मनोकामनाओं को भी पूर्ण करते हैं।
पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 13 जुलाई को सुबह 08 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि 13 जुलाई को सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। चतुर्थी पूजा के लिए दोपहर का मुहूर्त 13 जुलाई को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए विनायक चतुर्थी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा। जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत रहेंगे, उनको गणपति की पूजा के लिए दोपहर में 02 घंटे का 46 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा।
ये लोग दिन में 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 01 बजकर 50 मिनट के मध्य गणपति की पूजा कर सकते हैं। यही गणेश पूजा का मुहूर्त है। विनायक चतुर्थी के दिन दो योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग प्रात: 05 बजकर 32 मिनट से अगले दिन 14 जुलाई को प्रात: 03 बजकर 41 मिनट तक है, वहीं सिद्धि योग दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक है।
ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत रवि योग और सिद्धि योग में होगा। विनायक चतुर्थी में चंद्रमा का दर्शन करने की मनाही होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी को चंद्र दर्शन करने से कलंक लगता है।