

चंडीगढ़(Exclusive) पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसला (important decision) दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अगर लड़का और लड़की सहमति से संबंध (Consensual relationship) रखते हैं तो जोड़े को सुरक्षा देने से इनकार नहीं किया जा सकता, बशर्ते कि वे बालिग हों। ये फैसला कोर्ट ने मोहाली निवासी एक जोड़े की याचिका पर दिया।
प्रेमी जोड़े ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जोड़े में लड़की की उम्र 21 वर्ष है, जबकि लड़के की उम्र 19 वर्ष है। जानकारी के मुताबिक लड़की के परिजन उसकी शादी किसी और से करवाना चाहते थे, साथ ही धमकी दे रहे हैं कि यदि शादी नहीं की तो परिवार की प्रतिष्ठा के लिए दोनों की जान ले लेंगे।
लड़की ने लगाई थी गुहार
परिवार की धमकी को देखते हुए लड़की ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी कि लड़का अभी शादी के लिए तय न्यूनतम आयु का नहीं है, इसलिए दोनों के बीच सहमति का संबंध है और दोनों साथ रह रहे हैं। सुरक्षा के लिए दोनों ने मोहाली के एसएसपी से भी गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस की ओर से कोई एक्शन नहीं हुआ।
मामले पर हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही लड़का शादी के लिए तय न्यूनतम आयु सीमा को पूरा नहीं करता है, लेकिन वह बालिग है। कोर्ट ने कहा कि लड़का और लड़की दोनों बालिग हैं, ऐसे में केवल इस आधार पर सुरक्षा से इनकार नहीं किया जा सकता कि लड़के की आयु शादी के लिए तय न्यूनतम आयु से कम है।
संविधान के अनुसार बालिग व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह तय कर सकता है कि उसे किसके साथ रहना है। इसके साथ ही संविधान प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा एवं स्वतंत्रता का अधिकार देता है। हाईकोर्ट ने मोहाली के एसएसपी को आदेश दिया कि वह प्रेमी जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करें।