

नई दिल्ली (Exclusive) कोरोना संक्रमण (corona infection) के कई खतरे मालूम हैं लेकिन वैज्ञानिक अध्ययनों (scientific studies) में इसके कई नए खतरे सामने आ रहे हैं। प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर (the prestigious journal Nature) में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना मस्तिष्क को भी प्रभावित कर रहा है।
यह पाया गया है कि इससे ब्रेन फाग (स्मृति लोप से जुड़ी बीमारी) तथा मस्तिष्क की कोशिशओं को रक्त संचार में बाधा से हल्के दौरों का खतरा (risk of mild seizures) हो सकता है।
रिपोर्ट में येल यूनिवर्सिटी (Yale University) के तंत्रिका विज्ञानी (neurologist) सेरिन स्पुडिच के हवाले से कहा गया है कि कोरोना के गंभीर संक्रमण से ठीक हुए 80 फीसदी लोगों में मस्तिष्क रोगों के लक्षण दिखे। इनमें प्रमुख रूप से स्मृति लोप और हल्के दौरों के लक्षण पाए गए हैं। जबकि कई मामलों में यह देखा गया है कि संक्रमण से मस्तिष्क की कोशिकाओं को रक्त का संचार सही रूप से नहीं हो रहा है।
यह भी अंतत मृत्यु या दौरों का कारण बन सकता है। रोगियों के मस्तिष्क की जांच रिपोर्ट में सेरेब्रल कारटेक्स से एक ग्रे सामग्री में कमी पाई गई। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस मस्तिष्क की एस्ट्रोसाइटस कोशिकाओं को भी क्षति पहुंचा रहा है।
यह कोशिकाएं कई कार्य करती हैं तथा मोटे तौर पर इनका कार्य मस्तिष्क के कामकाज को सुचारू रखना होता है। रिपोर्ट में ब्राजील के एक अध्ययन का जिक्र किया गया है, जिसमें कोरोना से मरने वाले 26 लोगों के मस्तिष्क की जांच की गई।
इनमें से 5 के मस्तिष्क में संक्रमण पाया गया। यह देखा गया है कि इन लोगों की 66 फीसदी एस्ट्रोसाइट्स कोशिकाएं संक्रमित हो चुकी थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले ज्यादातर लोगों में ब्रेन फाग की समस्या देखी गई है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें याद करने की क्षमता घटती है। दूसरे रोगी में थकान के साथ-साथ मानसिक अवसाद के लक्षण भी हो सकते हैं।
इसी प्रकार यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन (University College of London) के शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना संक्रमण के कारण मस्तिष्क कोशिकाओं को रक्त की आपूर्ति नहीं होने के कारण पेरीसाइट्स कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं। ये नष्ट भी हो जाती हैं।
यह हल्के दौरों का कारण भी बन सकता है। शुरू के अध्ययनों में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस ब्रेन में प्रवेश कर सकता है। लेकिन नए शोध बताते हैं कि मस्तिष्क के बचाव तंत्र के चलते यह संभव नहीं है। लेकिन संक्रमण से परोक्ष रूप से मस्तिष्क की क्रिया प्रभावित हो रही है।