

पंजाब (Exclusive): पंजाब समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात आदि कई राज्यों में ट्रकों के पहिए थमने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन ज्यादातर राज्यों में ट्रक ड्राइवर इस कानून का विरोध कर रहे हैं।
दरअसल, हर साल करीब 50 हजार लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं और समय पर इलाज न मिलने के कारण हो जाती है इसलिए सरकार ने हिट एंड रन कानून को और सख्त कर दिया है।
क्या है नया कानून?
भारतीय दंड संहिता के नए हिट एंड रन कानून आईपीसी के पुराने प्रावधानों की जगह ले लेंगा। नए प्रावधान के मुताबिक, अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और ड्राइवर मौके से भाग जाता है तो उसे कठोर दंड दिया जाएगा। अगर अब कोई हिट एंड रन का दोषी पाया जाता है तो उसे 10 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान लागू कर दिया गया है।
पहले थी ये सजा
बता दें कि पहले हिट एंड रन मामले में 2 साल की जेल के साथ जमानत भी आसानी से मिल जाती थी। सरकार का मानना है कि अगर घायल व्यक्ति का समय पर इलाज किया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है लेकिन अक्सर ड्राइवर मौके से फरार हो जाते हैं। मगर, देशभर में न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो ड्राइवर भी इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि नया कानून निजी वाहन चालकों पर समान रूप से लागू होगा
क्यों विरोध कर रहे ड्राइवर्स
विरोधियों का मानना है कि ये प्रावधान बहुत सख्त हैं और इनमें ढील देने की जरूरत है। ड्राइवरों का कहना है कि अगर वे मौके से भागे तो उन्हें कड़ी सजा मिलेगी। हालांकि, अगर वह दुर्घटना के बाद रुकता है तो उसकी जान को खतरा हो सकता है क्योंकि ऐसी स्थिति में मौके पर मौजूद लोग या भीड़ हिंसक हो सकती है। ऐसे में ड्राइवर को खुद अपनी जान का खतरा रहता है।
जरूरी सामानों की सप्लाई पर असर!
वहीं, इस हड़ताल का असर जरूरी सामान की सप्लाई पर पड़ रहा है। अगर ट्रक चालकों की हड़ताल जारी रही तो लोगों को रोजमर्रा की चीजों की कमी का सामना करना पड़ सकता है। बाजार में दूध, फल और सब्जियों जैसी रोजमर्रा की चीजों की आवक कम हो सकती है। इसके अलावा कई शहरों में पेट्रोल-डीजल की कमी को देखते हुए पेट्रोल पंपों पर लोगों की भीड़ लग रही है।