

रसोई घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जहां भोजन तैयार किया जाता है। वास्तु के अनुसार, रसोई का मुख घर के दक्षिण-पूर्व भाग की ओर होना चाहिए, जो अग्नि देव द्वारा शासित होता है। रसोई से जुड़ा अग्नि तत्व, जिसे “अग्नि देवता” भी कहा जाता है, सूर्य से जुड़ा है, जो शक्ति और जीवन शक्ति का प्रतीक है। ऐसे में रसोईघर में वास्तु से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। चलिए जानते हैं रसोई में क्या करें और क्या न करें…
रसोई में क्या करें और क्या न करें?
– रसोई को नियमित रूप से साफ-सुथरा रखें। फर्श को अच्छी तरह साफ करें। कभी भी ऐसी प्लेटें, पैन या कप न रखें जो चिपटे हुए हों या क्षतिग्रस्त हों।
– रात को सोने से पहले रसोई और बर्तन को अच्छी तरह साफ करें। इसी के साथ कूड़ेदान को नियमित रूप से साफ करें और ध्यान रखें कि कूड़ादान का ढक्कन हमेशा ढका रहे।
– रसोई की खिड़की के पास बांस, तुलसी, पुदीना या अन्य जड़ी-बूटी वाला पौधा रखें। कांटेदार पौधों से दूर रहें क्योंकि वे तनाव पैदा कर सकते हैं।
– रसोई में हमेशा आटा, चावल, नमक और हल्दी कभी खत्म ना होने दें। साथ ही नमक को कांच के बर्तन रखना चाहिए। इससे वित्तीय समस्याएं दूर रहती हैं और घर में सौहार्द बढ़ता है।
– वास्तु के अनुसार, अगर आप किचन में रेफ्रिजरेटर रखना चाहते हैं तो इसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। ध्यान रखें कि रेफ्रिजरेटर साफ, सुव्यवस्थित हो और जरूरत से ज्यादा भरा हुआ न हो।
– वास्तु के अनुसार, खाली डिब्बों को फेंक दें या उनमें अनाज भर दें। अगर कोई खाली बर्तन जार हैं, तो उन्हें पूर्वोत्तर, पूर्व या यहां तक कि उत्तर में रखें।
रसोई में परहेज करने वाली बातें
– शौचालय के ऊपर या नीचे रसोईघर बनाने से बचें।
-वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार रसोईघर का मुंह कभी भी घर के सामने नहीं होना चाहिए।
– रसोईघर में दवा नहीं रखनी चाहिए।
– किचन में वॉशबेसिन और रेंज को कभी भी एक ही लेवल पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आग और पानी विपरीत तत्व हैं। ऐसे में ये पति-पत्नी और परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े का कारण बन सकते हैं।
– रसोई से बेकार सामान, जैसे कपड़े, पुराने अखबार और अवांछित सामान बाहर रखें।
-वास्तु शास्त्र के अनुसार शू रैक को कभी भी किचन के पास न रखें।