

शिमला (Exclusive): हिमाचल प्रदेश में नए साल पर बर्फबारी की संभावना है। शुक्रवार सुबह मौसम विज्ञान ने कहा कि 30 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचाई वाले आधे स्थानों पर हल्की बर्फबारी हो सकती है जबकि बाकी हिस्सों में धूप रहेगी।
बता दें कि तीन दिन पहले मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में 30 दिसंबर और 1 जनवरी यानी 72 घंटे तक बर्फबारी की आशंका जताई थी लेकिन अब इसमें बदलाव आ गया है। इसी बीच, पिछले 24 घंटों के दौरान ज्यादातर शहरों का तापमान दो से तीन डिग्री तक गिर गया है।
डलहौजी के न्यूनतम तापमान में सबसे ज्यादा 2.5 डिग्री और शिमला के तापमान में 2.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. शिमला का पारा अब 5 डिग्री और डलहौजी का 5.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है।
वहीं, कल्पा का न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक हैष आमतौर पर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में कल्पा का तापमान माइनस में रहता है लेकिन यह 1 डिग्री दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि पिछले साल सर्दियों में रिकॉर्ड तोड़ सूखे और बारिश से हिमाचल पहले ही भारी तबाही झेल चुका है। वहीं, बर्फबारी प्रदेश के पर्यटन , सेब उद्योग और कृषि के लिए खतरनाक संकेत है। हालांकि देशभर से हजारों पर्यटक बर्फ देखने के लिए पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं।
आमतौर पर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में शिमला, मनाली, मंडी, धर्मशाला, चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलों की ऊंची चोटियां बर्फ से ढक जाती हैं लेकिन इस साल लाहौल स्पीति के कुछ इलाकों को छोड़कर कहीं भी बर्फ नहीं गिरी है। यही कारण है कि इस बार ज्यादातर पर्यटक बर्फ देखने के लिए लाहौल स्पीति के सिस्सू, कोक्कर और रोहतांग पहुंच रहे हैं लेकिन वहां भी बहुत कम बर्फ बची है। रोजाना धूप निकलने से बर्फ तेजी से पिघल रही है।
अगर बर्फबारी नहीं होगी तो ग्लेशियर रिचार्ज नहीं हो पाएंगे। इसका असर हिमाचल के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान पर भी पड़ेगा क्योंकि इन राज्यों की खेती हिमाचल से आने वाले पानी पर निर्भर है। गर्मियों के दौरान नदियों में पानी ग्लेशियर के पिघलने से आता है।