

नई दिल्ली (Exclusive): चंद्रयान-3 को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, चंद्रयान का विक्रम लैंडर 3 सितंबर से ही स्लीप मोड पर है। ऐसे में निदेशक पी वीरमुथुवेल ने कहा कि चंद्रमा पर हॉप प्रयोग कर रहा विक्रम लैंडर अनियोजित था और अपने मिशन के उद्देश्यों से आगे निकल गया।
23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ऐतिहासिक लैंडिंग करने वाले विक्रम लैंडर को चंद्र पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया था। लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर गहरा अंधेरा और ठंडा मौसम छा जाने से पहले 14 पृथ्वी दिनों (एक चंद्र दिवस) में विभिन्न प्रयोग किए।
वीरमुथुवेल ने कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर 14-दिवसीय अनुसंधान और प्रयोग के दौरान ढेर सारा डेटा प्रदान किया। हॉप प्रयोग के दौरान, लैंडर ने कमांड पर अपने इंजन चालू किए। उसने उम्मीद के मुताबिक खुद को लगभग 40 सेंटीमीटर ऊपर उठाया और शिव शक्ति प्वाइंट पर अपने मूल स्थान से 30 से 40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित रूप से उतर गया।
इसका अर्थ है कि एक भविष्य का मिशन विकसित किया जा सकता है जो चंद्रमा की सतह से नमूने भारत वापस ला सकता है। इस बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा इस उम्मीद में कई प्रयास किए जा रहे थे कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चंद्र रात के पिछले चक्र से बच सकते थे। लेकिन, अभी तक इसकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गौरतलब है कि चंद्रयान-3 मिशन ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रच दिया। इससे भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया।