

पंजाब (Exclusive): तेज स्पीड, लापरवाही, नियमों का उल्लंघन, संकेतों को समझने में विफलता, थकान, शराब के कारण पंजाब में सड़क दुर्घटनाएं आम हो गई है। हालांकि पुलिस व प्रशासन द्वारा लोगों को जागरुक करने की कोशिश की जाती है लेकिन इसका कोई खास असर नहीं देखने को मिल रहा। पंजाब में रोड एक्सीडेंट्स का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।
वहीं, हाल ही में दर्ज किए आंकड़ों की मानें तो पंजाब के महानगर लुधियाना में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, लुधियाना में 677 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि पटियाला में 568 और मोहाली 525 नंबर के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा जालंधर में 488, अमृतसर में 375 और बठिंडा में 280 रोड एक्सीडेंट के मामले सामने आए हैं।
108 एम्बुलेंस के प्रोजेक्ट हेड मनीष बत्रा ने बताया कि पंजाब में पिछले तीन महीनों में 108 एम्बुलेंस सेवाओं ने पंजाब में सबसे ज्यादा सेवाएं दी है। यहां सड़क दुर्घटनाओं और गर्भावस्था के मामलों में 23,097 से अधिक लोगों को एमरजेंसी मदद पहुंचाई गई है।
मनीष बत्रा ने बताया कि पंजाब में कुल 16558 गर्भावस्था के मामले सामने आए। इसमें लुधियाना में सबसे अधिक 2136 मरीज थे। इसके बाद जालंधर में 1442, मोहाली में 1189, अमृतसर में 1181, बठिंडा में 1076 और पटियाला में 985 बचाए गए। वहीं, अगस्त महीने में 17, जून में 14 और जुलाई में 13 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाई गई।
एंबुलेंस को रास्ता देने की अपील
एंबुलेंस 108 के प्रोजेक्ट हेड मनीष बत्रा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाएं और आपात स्थिति में एम्बुलेंस को रास्ता दें क्योंकि समय बचाने का मतलब जीवन को बचाना है।