

नई दिल्ली (Exclusive): यूके और यूएस जैसे देशों में आम पाया जाने वाला चिकनपॉक्स स्ट्रेन क्लैड 9 अब भारत में भी मिला है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने भारत में पहली बार चिकनपॉक्स पैदा करने वाले वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस (वीजेडवी) के क्लैड 9 वेरिएंट की पहचान की।
बता दें कि वेरीसेला-ज़ोस्टर वायरस नौ हर्पीस वायरस में से एक है और बच्चों, किशोरों में चिकनपॉक्स और वयस्कों में दाद का कारण बनता है। भारत में अब तक क्लैड 1 और क्लैड 5 मिल चुके हैं, लेकिन क्लैड 9 का पता पहली बार चला है।
क्लैड 9 क्या है?
क्लैड 9 वेरिसेला ज़ोस्टर वायरस (वीजेडवी) का एक प्रकार है जो चिकनपॉक्स का कारण बनता है। यह बीमारी आमतौर पर बचपन में होती है। चिकनपॉक्स से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है।
इसके लक्षण क्या हैं?
क्लैड 9 के कुछ लक्षणों में दाने, बुखार, भूख न लगना, सिरदर्द, थकान और खराब स्वास्थ्य की भावना शामिल है। चिकन पॉक्स के दाने वायरस के संपर्क में आने के 2-3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। दाने निकलने से पहले, रोगी को बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द होता है। दाने उभार के रूप में दिखाई देते हैं जिन्हें पपल्स कहा जाता है, इसके बाद छोटे तरल पदार्थ से भरे छाले होते हैं जिन्हें वेसिकल्स कहा जाता है। दाने निकलने के 1-2 दिन बाद बुखार ठीक हो जाता है।
कैसे करें रोकथाम?
– साबुन और पानी से हाथ धोएं, खासकर खांसने, छींकने या चेहरे को छूने के बाद।
– जिन लोगों को चिकनपॉक्स या दाद है, उनके संपर्क से बचें। खासकर गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशु और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति।
– खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकने के लिए टिशू, रूमाल या अपनी कोहनी का उपयोग करें।
– चिकनपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के तौलिए, कपड़े और बर्तन जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं को अलग रखें।
– संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें।