Wednesday, April 30, 2025
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क्यों नहीं खाना चाहिए शिवलिंग पर चढ़ा भोग? जानिए कारण

हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित हैं। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर जल, फल-फूल व प्रसाद आदि चढ़ाने से भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। बहुत से लोग तो शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण भी कर लेते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना निषेध माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद क्यों नहीं ग्रहण करना चाहिए…

भगवान शिव और शिवलिंग की अलग है पूजा विधि
धार्मिक ग्रंथों में भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग पूजा व भोग लगाने के नियम अलग-अलग बताए गए हैं। आपने देखा होगा कि अक्सर अन्य देवी-देवताओं को चढ़ाया भोग भक्तगणों में प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है लेकिन शिवलिंग पर चढ़े भोग को ग्रहण नहीं करना चाहिए।

क्यों नहीं खाते शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद?
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, भूत-प्रेत के प्रधान चंडेश्वर का जन्म महादेव के मुख से हुआ था। मान्यता है कि शिवलिंग पर अर्पित भोग चंडेश्वर का भाग होता है इसलिए शिवलिंग पर चढ़े भोग को ग्रहण करना वर्जित होता है।

किस शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण करना होता है निषेध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सभी शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाना वर्जित नहीं होता। केवल साधारण पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से निर्मित शिवलिंग प्रसाद खाना निषेध होता है इसके अलावा, धातु या पारद के शिवलिंग पर चढ़े भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। वहीं, भगवान शिव की प्रतिमा पर चढ़ाया गया भोग भी ग्रहण किया जा सकता है। इससे भक्तों को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

क्या करें इस भोग का?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर अर्पित किया गया भोग नदी या जलाश्य में प्रवाहित कर देना चाहिए। उसे ना ही तो खाना चाहिए और ना ही फेंकना चाहिए।

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