

सावन का महीना शुरू हो चुका है, जो देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस साल सावन 59 दिनों का है इसलिए इस बार सावन में 4 प्रदोष व्रत होंगे। पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई 2023, शुक्रवार को है। वैसे तो साल भर में आने वाले सभी प्रदोष व्रत महादेव की पूजा के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं, लेकिन सावन के महीने में इनका महत्व और भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं सावन से पहले प्रदोष व्रत की पूजा विधि और महत्व…
सावन शुक्र प्रदोष व्रत 2023
पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 14 जुलाई 2023 को शाम 07:17 मिनट पर होगा, जो 15 जुलाई 2023 को रात 08ः32 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन भगवान शिव की पूजा केवल प्रदोष काल में की जाती है इसलिए शुक्र प्रदोष व्रत 14 जुलाई को मनाया जाएगा।
सावन शुक्र प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त
शिव पूजा का समय – शाम 07:21 बजे से रात 09:24 बजे तक
सावन शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि
-सावन प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा करें। फिर पूजा घर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें।
-पूरे दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-आराधना करें।
-शाम को प्रदोष काल में पूजा के समय दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
-भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेलपत्र पुष्प और नैवेद्य शिवलिंग पर चढ़ाएं।
-इसके बाद भगवान शिव की मूर्ति के पास दीपक जलाकर प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। अंत में भगवान शिव की आरती करके पूजा समाप्त करें।