

लुधियाना( TE ): रेल मंत्रालय ने वोकल फॉर लोकल विजन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की है। उन्होंने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट ओएसओपी योजना शुरु करने का फैसला किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उत्पादों के लिए एक बाजार प्रदान करने व समाज के वंचितों के लिए आय के नए अवसर पैदा करने से है।
इसमें रेलवे ने देश के करीब 130 रेलवे स्टेशनों को शामिल किया है। बता दें, इसमें पंजाब के 12 रेलवे स्टेशन चुने गए हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 73, हरियाणा के 15, हिमाचल प्रदेश में 1, उत्तराखंड में 6, जम्मू कश्मीर में 15, चंडीगढ में 1, दिल्ली में 4 स्टॉल चुने गए हैं।
पंजाब के 12 रेलवे स्टेशनों के नाम
बता दें, इस योजना के अंतरंग पंजाब के अबोहर, अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, धूरी, फाजिल्का, फिरोजपुर कैंट, गुरदासपुर, कोटकपूरा, पटियाला, राजपुरा, सरहिंद आदि 12 रेलवे स्टेशन आएंगे।
क्या है योजना?
बता दें, इस योजना के मुताबिक, स्थानीय उत्पादों को प्रर्दशित करने, बेचने के लिए स्टॉल दिए गए हैं। चुने गए इन रेलवे स्टेशनों पर 1 स्टेशन एक उत्पाद वाले स्टेशन ही उपलब्ध हो पाएंगे। बता दें, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान ने इन स्टॉलों के डिजाइन तैयार किए हैं।
ऐसे मिलेंगे उत्पाद
मिली जानकारी के अनुसार, इस स्टालों में स्थानीय लोगों द्वारा बनाई कलाकृत्तियां, हथकरघा, लकड़ी की नक्काशी का सामान, कपड़े पर चिकनकारी, खाने पीने का सामान, सेरेमिक, चाय-काफी आदि सामान मिलेगा। उदाहरण के तौर पर हरियाणा के सेरेमिक मदें, हिमाचल प्रदेश में हथकरघा, पंजाब में पंजाबी जूती व अन्य सामान, जम्मू कश्मीर में कश्मीरी गिरदा, कश्मीरी कहवा, सूखे मेवे, चंडीगढ़ में लकड़ी की नक्काशी वाली मदें आदि सामान होंगे।
पंजाब में ये सामान होगा उपलब्ध
बात पंजाब की करें तो पंजाब के अबोहर की कलाकृत्तियां, अमृतसर में सिरामिक्स, बरनाला में कढाई का सामान, बठिंडा में ग्लास वर्क्स, धूरी में मिट्टी के बर्तन, फाजिल्का में लकड़ी का सामान, फिरोजपुर कैंट में स्थानीय उत्पाद, गुरदासपुर में पंजाबी जूती, कोटकपूरा, पटियाला, राजपुरा, सरहिंद आद में स्थानीय सामान मिलेगा।