Friday, June 20, 2025
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मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से परेशानी में पड़ी पंजाब सरकार, वेबसाइट से हटाया ये ऑनलाइन फार्म

पंजाब (TES): दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद माहौल काफी गर्माया हुआ है। वहीं दिल्ली के शराब घोटाले की आंच पंजाब में मान सरकार की आबाकारी नीति को प्रभावित कर रही है। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी होने पर मान सरकार एकदम मौन है। वहीं सरकार ने अपनी शराब नीति के तहत लाइसेंस के नवीनीकरण का ऑनलाइन फॉर्म बेबसाइट पर अपलोड करने के बाद हटा दिया है।

पंजाब के सीएम मान के इस्तीफे की मांग

इस माहौल के बीच कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल के नेता पंजाब के सीएम का इस्तीफा मांग रहे हैं। इसके साथ ही वे पंजाब की आबकारी नीती की ईडी द्वारा जांच करने को़ कह रहे हैं। बता दें, बीते वर्ष जुलाई में चालू हुई इस नीति को उसी महीने हाईकोर्ट में चुनौती मिल गई थी। मगर अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के विपक्षों को मान सरकार पर निशाना साधना का एक और मौका मिल गया है।

सीबीआई और ईडी ने आबकारी नीति को लेकर नहीं शुरू की जांच

दिल्ली के शराब घोटाले की जांच कर रही सीबीआई और ईडी की टीम ने बीते वर्ष पंजाब में छापेमारी की थी। इस दौरान उन्होंने 2 सीनियर अधिकारियों से पूछताछ तो की थी। मगर पंजाब की नई आबकारी नीति को लेकर अभी तक जांच शुरू नहीं की है।

2022 में लागू की आबकारी नीति

बता दें, पंजाब के सीएम मान साहब ने बीते वर्ष नई आबकारी नीति लागू करने का उद्देश्य सूबे में शराब के दाम गिराना था। मगर इस नीति का खाका दिल्ली की आबकारी नीति जैसा ही हुआ। ऐसे में शराब के कारोबारी ने अदालत का सहारा लिया। जानकारी के लिए बता दें कि इस नीति के मुताबकि पंजाब में इंडियन मेड फारेन लिकर (आईएमएफएल) और बॉटल्ड-इन-ओरिजिन (बीआईओ) ब्रांडों के लिए थोक शराब लाइसेंस का करीब 70 % आवंटन ब्रिंडको व अनंत वाइंस नाम के दो कंपनियों को दे दिया था। ऐसे में छोटे कारोबारी शराब का सीधा बिजनेस करने से वंचित रह गए। ऐसे में उनके लिए इन दोनों कंपनियों के अधीन रहकर ही व्यापार करना एक तौर पर मजबूरी हो गई।

वहीं इस पर खास व हैरानी करने वाली बात ये थी कि जिन कंपनियों को शराब बेचना का अधिकार दिया गया, उनके खिलाफ दिल्ली सीबीआई में पहले से चार्जशीट दाखिल थी। वहीं इस केस में ईडी भी शामिल हो गई है। सितंबर 2022 में ईडी ने सूबे के तत्कालीन आबकारी व कराधान आयुक्त वरुण रूजम और तत्कालीन संयुक्त आयुक्त नरेश दूबे के चंडीगढ़ वाले घर में छापा मारा। इसके साथ ही दोनों के साथ पूछताछ भी की।

पंजाब आबकारी नीति की ईडी संभाले जांच

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब आबकारी नीति जांच ईडी को करने की कही है। उनका कहना है कि आप पार्टी ने पंजाब में सरकार बनाने के बाद ऐसी ही आबकारी नीति सूबे में भी लागू की थी। वहीं अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे हैं।

ऐसे में पंजाब की आबकारी नीति में भी भ्रष्टाचार हो सकता है। बाजपा ने आरोप लगाते कहा कि सीएम मान की आप सरकार की शराब नीति पर भी अब सवालों का घेराव पड़ गया है। असल में, इन्होंने कुछ शराब कंपनियों और कारोबारियों को अनुचित समर्थन दिया है। इसके अलावा अन्य को प्रतिस्पर्धा से सीधे बाहर निकाल दिया।

मंगलवार को दिए एक बयान में बाजवा ने बताया कि पंजाब में नई आबकारी नीति बीते साल जुलाई में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य शराब के दाम को घटाकर राजस्व बढ़ाना है। मगर अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी होने के बाद ईडी को पंजाब की शराब आबकारी नीति की खासतौर पर जांच करनी चाहिए। ऐसे में ही सही निष्कर्ष मिल सकता है।

 

 

 

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