

नई दिल्ली(TES): शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को नए आदेश दिए हैं। इस आदेश के मुताबिक अब पहली कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे की उम्र न्यूनतम 6 साल होनी चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक प्रथम चरण में बच्चों की शिक्षा को मजबूती दिलाने के लिए उनकी आयु सीमा बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे में केंद्र ने राज्यों से पूर्व-स्कूली शिक्षा (DPSE) पाठ्यक्रम में करीब 2 साल का डिप्लोमा डिजाइन करने और इस प्रक्रिया को शुरू करने का कहा है।
इसलिए लिया ऐसा फैसला
राष्ट्रीय शिक्षा नीत 2020 के तहत राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में बुनियादी स्तर पर बच्चों के सीखने और समझ की शक्ति में विकसित करने को बढ़ावा देती है। बता दें, पहले चरण में सभी बच्चों को 3 से 8 वर्ष में करीब 5 साल सीखने का मौका मिलता है। इस दौरान बच्चों की 3 साल की प्री-स्कूल शिक्षा और 2 साल की प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड-I और ग्रेड- II की पढ़ाई होती है।
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 में किया लॉन्च
मूलभूत चरण में सबसे अहम कारक योग्य शिक्षकों का मिलना है। ये खासतौर पर उम्र और विकासात्मक रूप से उपयुक्त पाठ्यक्रम व शिक्षा शास्त्र में प्रशिक्षित होते हैं। बता दें, 20 अक्टूबर 2022 को ही फाउंडेशनल स्टेज के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF-FS) लॉन्च हुआ है। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहली कक्षा में जाने वाले बच्चे की उम्र 6 साल तय करने का आदेश दिया है।