जालंधर (TES): सकट चौथ का व्रत प्रथम पूजनीय गणेश जी को समर्पित है। इसे कई जगहों पर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट चौथ भी कहा जाता है। इस साल ये व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए निर्जला व्रत रखती है। भगवान गणेश, माता लक्ष्मी व चंद्र देव की पूजा करती है।
शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोलती है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। वर्ना गणपति बप्पा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
सकट चौथ के दौरान न करें ये गलतियां
पूजा में तुलसी न चढ़ाएं
शिव परिवार की पूजा में तुलसी चढ़ना वर्जित माना गया है। ऐसे में आप भी गणपति बप्पा की पूजा में तुलसी चढ़ाने की गलती ना करें। पौराणिक कथा अनुसार, गणेश जी ने तुलसी जी से विवाह करने को मना कर दिया था।
ऐसे में गुस्से में आकर तुलसी ने उन्हें दो विवाह होने का श्राप दिया था और गणेश जी ने उनका राक्षसे विवाह होने का श्राप दे दिया था। तब से गणेश पूजा में तुलसी शामिल करना वर्जित है।
मूषक को परेशान न करें
सभी जानते हैं कि गणेश जी का वाहन मूषक है। ऐसे में अगर आप सकट चौथ का व्रत रख रहे हैं तो बप्पा की सवारी मूषक यानी चूहे को परेशान न करें। वर्ना ऐसा करने से गणपति बप्पा रूष्ट हो सकते हैं।
काले रंग के कपड़े न करें धारण
काले रंग को अशुभ माना जाता है। ऐसे में आप अगर व्रत रखने वाली हैं तो इस दिन काले रंग के व्रत धारण करने से बचें। वहीं पीला और लाल रंग शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए आप इन रंगों के कपड़े पहन सकते हैं।
पैरों पर न पड़ें अर्घ्य के छीटें
सकट चौथ व्रत की शाम को चंद्रमा को जल में दूध और चावल मिलाकर अर्घ्य देने का विधान है। मगर इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखें कि इस जल के छींटे आपके पैरों पर न पड़े। ऐसा होगा अशुभ माना जाता है।
चलिए जानते हैं सकट चौथ की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करके लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें। इसके बाद प्रथम पूजनीय गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूरा दिन बिना कुछ खाएं-पिएं निर्जला उपवास रखें। रात को चंद्रमा आने पर चंद्र देव को अर्घ्य देकर गणेश जी की पूजा करें।
इस शुभ दिन पर गणेश मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। मंत्र का जाप करते हुए बप्पा को 12 दूर्वा अर्पित करें। आप बप्पा को उनके मनपसंद, लड्डू, मोदक, गन्ना, शकरकंद, गुड़, तिल से बनी मिठाई, घी आदि चढ़ाएं। उसके बाद फलहार भोजन करें। कोशिश करें इस दिन आप मीठे भोजन का ही सेवन करें।