Friday, November 15, 2024
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WHO Alert: भारतीय कफ सीरप उज्बेकिस्तान में बना बच्चों के लिए जानलेवा

इंटरनेशनल डेस्क: (TES): भारतीय दवा कंपनी की कफ सीरप एक बार फिर से जांच के घेरे में आ गई है। जानकारी के अनुसार, उज्बेकिस्तान में कप सीरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई। इसके पीछे कफ सीरप की कंपनी को जिम्मेदार माना गया है। बताया जा रहा है कि इस सीरप का उत्पादन उत्तरप्रदेश के नोएडा में होता है। आरोप लगने के बाद भारत सरकार ने जांच शुरू कर दी है।

मध्य एशियाई देश के स्टेट सिक्यॉरिटी सर्विस ने बताया कि इस केस से जुड़ी आपराधिक जांच शुरु कर दी गई है। वहीं एसएसएस प्रेस सर्विस ने मंगलवार को बताया कि इन बच्चों को मैरियन बायोटेक की ओर से निर्मित Doc-1 Max टैबलेट और सीरप दिया था।

बच्चों की मौत होने के बाद Quramax Medical (दवा आयातक) के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज हो गया है। दूसरी ओर उज्बेकिस्तान की मीडिया के अनुसार, लैब में टेस्ट होने पर सीरप में केमिकल इथाइलीन ग्लाइकॉल केमिकल की मात्रा पाई गई।

कफ सीरप में ये केमिकल मिलने में हरियाणा की मेडेन फार्मा के खिलाफ भी जांच हुई। इसे गाम्बिया में करीब 70 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार माना गया है। हालांकि सरकार ने WHO को कहा कि कंपनी से लिए सैंपल की जांच करने पर ये सही मिले।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और अधिक जानकारी पाने के लिए उज्बेक रेग्युलेटर के संपर्क में है। इस कंपनी की ओर से लंबे समय से उज्बेकिस्तान में दवा सप्लाई हो रही थी।

वहीं इसपर मैरियन बायोटेक ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी। इसके साथ ही एचटी ने ऑफिस का दौरा करते हुए फोन पर संपर्क बनाने की कोशिश की।

शिकायत दर्ज करने के बाद सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री टीम उत्तर प्रदेश ड्रग्स लाइसेंसिंग अथॉरिटी के संपर्क में रह रही है। इसकी जांच मंगलवार से शुरु हो गई है। दूसरी ओर नॉर्थ जोन के सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री टीम और स्टेट ड्रग्स रेग्युलेट्री टीम ने संयुक्त तौर पर जांच की और सैंपल भी लिए हैं। साथ ही स्टेट ड्रग्स रेग्युलेट्री अथॉरिटी ने इस बात की पुष्टि भी की है।

ड्रग्स कंट्रोलिंग एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी उत्तर प्रदेश के डेप्युटी कमिश्नर एके जैन ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री टीम से ईमेल मिलते ही हमने जांच शुरू कर दी। हमारी टीम में असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग्स (मेरठ डिवीजन) और ड्रग इंस्पेक्टर गौतमबुद्ध नगर हैं। बता दें, वे सेंट्रल ड्रग्स स्टैंटर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के साथ आरोपों की जांच भी करेंगे।

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