Wednesday, July 23, 2025
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6 या 7 सितंबर… कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी? जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी का त्यौहार भारत में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसे कृष्णाष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन आधी रात को हुआ था, इसलिए मंदिरों व धार्मिक स्थानों पर रात के समय उत्सव होता है।

मगर इस बार लोग जन्माष्टमी की तारीख को लेकर कन्फ्यूज है कि यह पर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा या 7 सितंबर को। चलिए आपकी कन्फ्यूजन को दूर करते हुए बताते हैं कि कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी…

कृष्ण जन्माष्टमी कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी 2 दिन मनाई जाएगी क्योंकि अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र रात के समय जन्माष्टमी पर पड़ेगा।

अष्टमी तिथि: दोपहर 3:37 बजे शुरू होगी (6 सितंबर)
अष्टमी तिथि: शाम 4:14 बजे समाप्त होगी (7 सितंबर)
रोहिणी नक्षत्र: सुबह 9:20 बजे शुरू होगा (6 सितंबर)
रोहिणी नक्षत्र: प्रातः 10:25 बजे समाप्त होगा (7 सितंबर)
ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जाएगी जबकि दही हांडी 7 सितंबर को मनाई जाएगी।

किस दिन रखें जन्माष्टमी व्रत
चूंकि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर से शुरु होकर 7 सितंबर शाम 4:15 तक रहेगी। वहीं, रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 6 सितंबर से 7 सितंबर सुबह 10:25 तक रहेगी। ऐसे में 6 तारीख को व्रत रखना ही शुभ होगा।

जनमाष्टमी शुभ मुहूर्त

निशिता पूजा: यह रात 11:57 बजे से शुरू होगी और 7 सितंबर को सुबह 12:42 बजे तक जारी रहेगी। रात 11 बजकर 57 मिनट पर जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त शुरू होगा। लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव रात 12.42 बजे तक रहेगा।
पारण का समय: 7 सितंबर को शाम 4:14 बजे होगा।

जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी के दिन, भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और तुलसी के पत्तों और चंदन पाउडर से स्नान करते हैं। फिर वे भगवान कृष्ण की प्रार्थना करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं। सूर्यास्त के बाद, भक्त प्रार्थना करने और धार्मिक जलसों में भाग लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं। लोग भक्ति गीत गाने, भगवान कृष्ण के जीवन से नाटकों का अभिनय करने और दही-हांडी भी खेलते हैं।

जन्माष्टमी का त्यौहार आधी रात को भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर की पूजा के साथ समाप्त होता है। इस दिन फल, फूल, अगरबत्ती, कपूर, नारियल आदि जैसे प्रसाद के साथ विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं। पूजा समाप्त होने के बाद, लोग पेड़ा और लड्डू जैसे कुछ मीठे व्यंजनों के साथ अपना उपवास तोड़ते हैं।

जन्माष्टमी एक विशेष त्योहार है जो भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है जिन्होंने हमें धर्म और भक्ति का मार्ग सिखाया। इस दिन, भक्त सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं और भगवान कृष्ण से अपने और अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

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