

चंडीगढ़ (Exclusive): पंजाब में बेशक स्कूल खोल दिए गए हैं तथा जन जीवन सामान्य हो गया है लेकिन अभी भी पंजाब में कोरोना का खतरा टला नहीं है।
माहिरों की मानें तो अभी भी पंजाब में कोरोना का खतरा बरकरार है तथा तीसरी लहर में पंजाब की करीब 37 फीसदी जनसंख्या कोरोना की चपेट में आ सकती है।
इसके पीछे माहिरों ने जो कारण दिया है उसके अनुसार पहली और दूसरी लहर में ये लोग संक्रमण से बचे रहे, जिससे शरीर में एंटीबॉडी ही नहीं बन पाई। अब इन लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए सेहत महकमे ने एहतियातन ऐसे लोगों के टीकाकरण पर जोर देने पर जोर दे रहा है।
करवाया गया सीरो सर्वे
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हाल ही में पंजाब के चार जिलों में सीरो सर्वे करवाया था। इसमें यह खुलासा हुआ था कि राज्य की 63.15 फीसदी आबादी में कोविड एंटीबॉडी बन गई है। स्वास्थ्य कर्मचारियों में 83.25 फीसदी एंटीबॉडी बनी है।
चारों जिलों में आम जनसंख्या के हिसाब से लुधियाना में 71 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी बनी। सर्वे के दौरान जो आंकड़े सामने आए हैं उसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि राज्य के 37 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्हें कोरोना संक्रमण हुआ ही नहीं। अगर तीसरी लहर आती है तो ये लोग सबसे पहले इसकी चपेट में आएंगे।
हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार वे संक्रमण से कितने गंभीर होंगे इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही लोगों को भीड़ वाले स्थानों से परहेज करने और सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाने की अपील की जा रही है।
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