Wednesday, April 30, 2025
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आश्विन मासिक शिवरात्रि पर बन रहे 3 शुभ योग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि भी

हिंदू कैलेंडर के अनुसार शिवरात्रि व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो 12 सितंबर यानि आज है। हर महीने शिवरात्रि के दौरान देवों के देव महादेव और उनकी पत्नी देवी पार्वती की पूजा की जाती है। शिव भक्तों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि हर शिवरात्रि पर व्रत रखने से भगवान शिव अपने अनुयायियों पर प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

ऐसा माना जाता है कि जो लोग वार्षिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनका जीवन आनंद और शांति से भरा है, और वह संतान प्राप्ति और बीमारी से बचने की आशा में मासिक शिवरात्रि व्रत भी करते हैं।

आश्विन शिवरात्रि 2023 मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि गुरुवार, 12 अक्टूबर की शाम 07.53 बजे से शुक्रवार, 13 अक्टूबर रात 09.50 बजे तक रहेगी। चूंकि शिवरात्रि की पूजा मध्य रात्रि की जाती है इसलिए आश्विन मासिक शिवरात्रि व्रत आज रखा जाएगा।

बन रहे तीन योग

-इस बार मासिक शिवरात्रि पर ब्रह्म योग बन रहा है, जो महादेव की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। वहीं, मासिक शिवरात्रि पर शुक्ल योग और करण योग भी बन रहा है। शुक्ल योग में किए गए कार्य कभी असफल नहीं होते जबकि करण योग में भी किए गए हर काम में सफलता मिलती है। ऐसे में किसी नए काम को शुरू करने के लिए यह बेहद शुभ समय है।

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन, जल्दी उठें, स्नान करें और फिर साफ कपड़े पहनें। फिर घर के मंदिर में दीपक जलाएं। शिवलिंग का दूध, गंगाजल दही, शहद और घी से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र आदि चढ़ाएं और फिर भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा व आरती करें। रात के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहें।

आश्विन शिवरात्रि महत्व

भगवान शिव की पूजा सुबह की अपेक्षा रात में अधिक सफल मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण करने वाली अविवाहित लड़कियों को शिव की पूजा करने से सुयोग्य वर मिलता है। इसके अतिरिक्त, सुखी विवाह उन लोगों के लिए एक वरदान है जो विवाहित हैं।

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